iGrain India - कैनबरा । सरकारी एजेंसी- अबारेस ने अपनी नई रिपोर्ट में 2023-24 के वर्तमान सीजन में ऑस्ट्रेलिया में चना का उत्पादन 5.33 लाख टन होने का अनुमान लगाया है जो 2022-23 सीजन के उत्पादन 5.41 लाख टन के लगभग बराबर मगर 2021-22 सीजन 10.62 लाख टन का आधा है।
दरअसल ऑस्ट्रेलिया में अनेक कारणों से चना के उत्पादन में पिछले कुछ वर्षों से उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है जिसमें मौसम की हालत, अन्य फसलों की तुलना में चना से होने वाली आमदनी, वैश्विक उत्पादन एवं आयातक देशों में मांग की स्थिति आदि शामिल है।
ध्यान देने की बात है कि ऑस्ट्रेलिया में चना की घरेलू खपत काफी कम होती है और मुख्यत: निर्यात उद्देश्य के लिए इसका उत्पादन किया जाता है।
पहले भारत ऑस्ट्रेलियाई चना का सबसे बड़ा खरीदार था मगर पिछले चार-पांच वर्षों से भारत में इसका बहुत कम या नगण्य आयात हो रहा है। वैसे ऑस्ट्रेलिया को बांग्ला देश एवं पाकिस्तान सहित कुछ अन्य देशों में चना का निर्यात बढ़ाने का अवसर मिल रहा है इसलिए वहां इसका उत्पादन जारी है।
इस वर्ष ऑस्ट्रेलिया को अल नीनो मौसम चक्र के प्रकोप का सामना करना पड़ रहा है जिससे बेहतर बिजाई के बावजूद वहां चना के उत्पादन में बढ़ोत्तरी के आसार नहीं है।
अक्टूबर-नवम्बर में फसल की कटाई-तैयारी आरंभ होने के बाद वहां इस महत्वपूर्ण दलहन फसल की औसत उपज दर का पता चल सकेगा। ऑस्ट्रेलिया में मुख्यत: देसी चना का उत्पादन होता है जिस पर भारत में 66 प्रतिशत का भारी-भरकम आयात शुल्क लगा हुआ है।
अबारेस के आंकड़ों के अनुसार ऑस्ट्रेलिया में पिछले कुछ वर्षों से 6-9 लाख टन के बीच चना का सालाना उत्पादन हो रहा है लेकिन 2018-19 एवं 2019-20 के सीजन में उत्पादन काफी घटकर 3-4 लाख टन के बीच रह गया।
मालूम हो कि भारत दुनिया में देसी चना का सबसे प्रमुख उत्पादक एवं खपतकर्ता देश है जबकि ऑस्ट्रेलिया को इसके अग्रणी निर्यातक देशों की श्रेणी में गिना जाता है।