iGrain India - नई दिल्ली । चालू खरीफ सीजन के दौरान दलहन फसलों के संवर्ग में उड़द के बिजाई क्षेत्र में ही सर्वाधिक 5.18 लाख हेक्टेयर की गिरावट आई है। इसका रकबा पिछले साल के 37.07 लाख हेक्टेयर से घटकर इस बार 31.89 लाख हेक्टेयर रह गया है।
शीर्ष उत्पादक प्रान्त- मध्य प्रदेश तथा महाराष्ट्र में बिजाई काफी घटी है जबकि अगस्त के सूखे का कुछ असर भी फसल पर पड़ने की आशंका है।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल के मुकाबले चालू खरीफ सीजन के दौरान उड़द का उत्पादन मध्य प्रदेश में 17.04 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 13.90 लाख हेक्टेयर तथा महाराष्ट्र में 3.56 लाख हेक्टेयर से घटकर 2.56 लाख हेक्टेयर पर अटक गया।
इसके अलावा इसका बिजाई क्षेत्र गुजरात में 96 हजार हेक्टेयर से गिरकर 79 हजार हेक्टेयर, कर्नाटक में 84 हजार हेक्टेयर से गिरकर 61 हजार हेक्टेयर, उत्तर प्रदेश में 7.10 लाख हेक्टेयर से घटकर 6.62 लाख हेक्टेयर तथा तमिलनाडु में 26 हजार हेक्टेयर से फिसलकर 21 हजार हेक्टेयर रह गया।
राजस्थान में उड़द का उत्पादन क्षेत्र 3.18 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया जो पिछले साल के लगभग बराबर ही है लेकिन देश के अन्य राज्यों में इसका क्षेत्रफल 4.14 लाख हेक्टेयर से फिसलकर इस बार 4.02 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया।
उड़द की बिजाई लगभग समाप्त हो चुकी है। अगस्त में वर्षा के अभाव एवं ऊंचे तापमान के कारण फसल की प्रगति में बाधा पड़ी जिससे उपज दर प्रभावित हो सकती है।
सितम्बर की वर्षा से उड़द की फसल को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। मूंग की भांति उड़द की खेती भी खरीफ और रबी-दोनों सीजन में होती है। खरीफ उत्पादन में गिरावट की भरपाई रबी सीजन में होने में संदेह है।