iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार अरहर (तुवर) की कीमतों को नीचे करने का हर संभव प्रयास कर रही है लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि सरकारी प्रयासों की बाजार में विपरीत प्रतिक्रिया हो रही है और तुवर का दाम घटने के बजाए तेज होता जा रहा है।
इसका प्रमुख कारण स्वदेशी स्रोतों से आपूर्ति कम होना तथा विदेशों से आयात की गति धीमी रहना माना जा रहा है जबकि तुवर साबुत एवं इसकी दाल में मांग सामान्य बनी हुई है।
जून के प्रथम सप्ताह के दौरान सरकार ने तुवर पर भंडारण सीमा (स्टॉक लिमिट) लागू किया था और इससे उसे कीमतों में कुछ नरमी आने की उम्मीद थी। दो-चार दिनों तक बाजार स्थिर या कुछ नरम रहा लेकिन फिर तेज होने लगा। अब भी तुवर का दाम काफी ऊंचे स्तर पर बरकरार है।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 1 जून की तुलना में 9 सितम्बर 2023 को देश के सभी प्रमुख थोक बाजारों में और साथ ही साथ विदेशों से आयातित तुवर के दाम में अच्छी खासी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई।
उधर समीक्षाधीन अवधि के दौरान म्यांमार में लेमन तुवर का ऑफर मूल्य 1260 डॉलर प्रति टन से 1805 डॉलर उछलकर 1440 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गया।
इसी तरह सूडान से आयातित तुवर का दाम 9950 रुपए प्रति क्विंटल से उछलकर 12,000 रुपए प्रति क्विंटल, मलावी की तुवर का भाव 8400 रुपए से सुधरकर 9000 रुपए प्रति क्विंटल तथा मटवारा तुवर का मूल्य 8450 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़कर 9600 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया।
चेन्नई में लेमन तुवर की कीमत 9825 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़कर 11,300 रुपए प्रति क्विंटल तथा मुम्बई में 9800 रुपए प्रति क्विंटल से 1450 रुपए बढ़कर 11,250 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गई।
थोक मंडियों में तुवर का भाव 1 जून के मुकाबले 9 सितम्बर 2023 को भाटापाड़ा में 9500 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़कर 10,800 रुपए प्रति क्विंटल, सोलापुर में 10,600 रुपए से बढ़कर 12,335 रुपए प्रति क्विंटल,
अमरावती में 10,200 रुपए से उछलकर 12,250 रुपए प्रति क्विंटल, लातूर (मारुती) में 10,000 रुपए से बढ़कर 11,900 रुपए प्रति क्विंटल, हिंगन घाट में 10,600 रुपए से बढ़कर 12,400 रुपए प्रति क्विंटल,
अकोला में 10,400 रुपए से बढ़कर 12,000 रुपए प्रति क्विंटल तथा गुलबर्गा में 10,000 रुपए से उछलकर 12,300 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया। केवल गजरी के दाम में 50 रुपए की तेजी रही और इसका स्तर 8550 रुपए से बढ़कर 8600 रुपए प्रति क्विंटल हो गया।