iGrain India - नई दिल्ली । चालू खरीफ सीजन के दौरान 8 सितम्बर तक दलहन फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र 119.91 लाख हेक्टेयर तक ही पहुंच सका जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 131.20 लाख हेक्टेयर से 8.6 प्रतिशत कम है। देश में जुलाई माह के दौरान भरपूर बारिश हुई मगर अगस्त का महीना सबसे सूखा एवं गर्म रहा।
सितम्बर के प्रथम सप्ताह के दौरान देश के अनेक उत्पादक क्षेत्रों में थोड़ी-बहुत बारिश हुई जबकि दूसरे एवं तीसरे सप्ताह के दौरान देश के अनेक उत्पादक क्षेत्रों में थोड़ी-बहुत बारिश हुई जबकि दूसरे एवं तीसरे सप्ताह के दौरान भी वर्षा होने की संभावना व्यक्त की गई है जिससे दलहन औसत उपज पूर्व अनुमान से कुछ बेहतर रह सकती है।
केन्द्रीय एजेंसी- नैफेड ने ऊंचे दाम का हवाला देते हुए आयातित लाल मसूर की खरीद का टेंडर रद्द कर दिया है जबकि सरकार ने व्यापारियों / आयातकों को सरकारी पोर्टल पर मसूर के अपने स्टॉक के विवरण का खुलासा करने के लिए कहा है।
इसके साथ-साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य के आसपास प्रचलित दाम पर उपलब्ध मसूर के स्टॉक की खरीद का भी निर्देश दिया गया है। टेंडर के रद्द होने के कारण लाल मसूर के दाम में कुछ नरमी आ गई है।
अनिश्चितता के बीच बाजार की धारणा प्रभावित हुई है जबकि सरकार ने भी सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। घरेलू बाजार में इसका भाव पिछले कुछ दिनों के अंदर 3 रुपए गिरकर 62 रुपए प्रति किलो के करीब आ गया था जो 725 डॉलर प्रति टन के समतुल्य था मगर फिर भी सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य 60 रुपए प्रति किलो (700 डॉलर प्रति टन) से कुछ ऊंचा रहा।
आगामी रबी सीजन की दलहन फसलों के लिए भी सरकार द्वारा जल्दी ही न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा किए जाने की संभावना है। मसूर भी चना एवं मटर की भांति रबी कालीन दलहन फसल है। इसकी बिजाई अक्टूबर-नवम्बर में शुरू हो जाती है। समर्थन मूल्य में इस बार भी वृद्धि होने की उम्मीद है।
न्हावा शेवा बंदरगाह तक पहुंच के लिए क्रिमसंस (लाल) मसूर का ऑफर मूल्य 810-820 डॉलर प्रति टन चल रहा है जबकि कुछ रिसेलर्स सितम्बर-अक्टूबर एवं अक्टूबर-नवम्बर डिलीवरी के लिए 785-790 डॉलर प्रति टन के स्तर पर इसका कारोबार कर रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया से निप्पर / हॉलमार्क किस्म की मसूर का ऑफर मूल्य कोलकाता में 790-795 डॉलर प्रति टन बताया जा रहा है जबकि रिसेलर्स 755-760 डॉलर प्रति टन पर कारोबार कर रहे है। जनवरी-फरवरी 2024 शिपमेंट के लिए निप्पर नम्बर / मई फसल को कोलकाता पहुंच भाव 755-760 डॉलर प्रति टन बताया जा रहा है।