iGrain India - सिडनी । ऑस्ट्रेलियाई मौसम ब्यूरो ने कहा है कि हिन्द महासागर में एक सकरात्मक डायपोल (आईओडी) का निर्माण हो रहा है। सितम्बर से दिसम्बर के बीच इसका पूरा विकास होने की उम्मीद है। सभी मौसम मॉडल्स इसका संकेत दे रहे हैं। इस सकारात्मक आईओडी के प्रभाव से भारतीय उप महाद्वीप तथा अफ्रीका के तटवर्ती देशों में अच्छी बारिश होने की उम्मीद है।
इससे भारत में खासकर रबी फसलों को भारी फायदा होने के आसार हैं। मालूम हो कि आईओडी दो क्षेत्रों या पोल्स के बीच समुद्री सतह के तापमान में अंतर है। भारत में अभी बारिश की सख्त आवश्यकता है। ध्यान देने की बात है कि परम्परागत रूप से भारत में अक्टूबर माह से उत्तर-पूर्व मानसून का सीजन आरंभ हो जाता है।
सितम्बर तक दक्षिण-पश्चिम मानसून का सीजन रहता है जिसमें इस बार आशा के अनुरूप बारिश नहीं हो सकी। यदि उत्तर-पूर्व मानसून सीजन के दौरान अच्छी वर्षा होती है तो खासकर गेहूं, चना, सरसों, जौ एवं मसूर-मटर जैसी प्रमुख रबी फसलों का बेहतर उत्पादन हो सकता है जिससे खरीफ उत्पादन में आने वाली गिरावट की आंशिक भरपाई हो सकती है।
ऑस्ट्रलियाई मौसम ब्यूरो के अनुसार 10 सितम्बर को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान आईओडी का सूचकांक +1.13 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह चौथा लगातार सप्ताह था जिसमें सूचकांक घनात्मक रहा। सूचकांक का आधार (+0.40 डिग्री सेल्सियस) माना जाता है जबकि पिछले चार सप्ताह से यह +1.0 डिग्री से ऊपर ही चल रहा है।
इससे संकेत मिलता है कि जल्दी ही मौसम एवं बारिश की स्थिति में बदलाव हो सकता है। ब्यूरो के मुताबिक इस घटनाक्रम के कारण भारतीय उप महाद्वीप तथा अफ्रीका के तटवर्ती देशों को बेहतर बारिश की सौगात मिलने की उम्मीद है लेकिन दूसरी ओर इससे इंडोनेशिया, दक्षिण-पूर्वी एशिया के अन्य देशों और साथ ही साथ ऑस्ट्रेलिया में बारिश के प्रभावित होने की संभावना भी है।