iGrain India - भटिंडा । केन्द्र सरकार ने 2023-24 के मार्केटिंग सीजन हेतु कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य लम्बे रेशेवाली किस्म के लिए 7020 रुपए प्रति क्विंटल एवं मध्यम रेशेवाली श्रेणी के लिए 6620 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित कर रखा है जबकि पंजाब में पहले चरण की तुड़ाई के बाद मंडियों में जो रूई पहुंच रही है उसका दाम इससे ऊंचा चल रहा है।
व्यापारिक सूत्रों के अनुसार 13 सितम्बर को फाजिल्का, मुक्तसर, भटिंडा एवं मनसा की मंडियों में कपास का भाव 7400/7600 रुपए प्रति क्विंटल के बीच दर्ज किया गया। उधर राजस्थान के गंगानगर जिले की मंडी में तो रूई का भाव बढ़कर 8000 रुपए प्रति क्विंटल को भी पार कर गया था।
फाजिल्का के मुख्य कृषि अधिकारी का कहना है कि कपास की फसल पर गुलाबी इल्ली (पिंक बॉलवर्म) कीट का खतरा तो बरकरार है अगर फिलहाल यह काफी हद तक नियंत्रण में है इसलिए प्रथम कारण की तुड़ाई में किसानों को ज्यादा कठिनाई नहीं हुई।
भविष्य में भी फसल पर इसका जोरदार प्रकोप होने की उम्मीद नहीं है और मंडियों में रूई का भाव कुछ तेज हो सकता है। ध्यान देने की बात है कि पंजाब में कपास का उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 2.48 लाख हेक्टेयर से घटकर इस बार 1.75 लाख हेक्टेयर पर अटक गया जिससे वहां इसका प्रभावित होने की आशंका है।
पंजाब में करीब 95 प्रतिशत कपास का उत्पादन चार जिलों- भटिंडा, मनसा, मुक्तसर एवं फाजिल्का में तथा शेष उत्पादन फरीदकोट, बरनाला, मोगा एवं संगरूर में होता है। अब तक मंडियों में करीब 30 हजार क्विंटल कपास की आवक हो चुकी है।