iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण, मंत्रालय ने एक सर्कुलर जारी करके व्यापारियों / थोक विक्रेताओं एवं विग चेन रिटेलर्स के लिए गेहूं की स्टॉक सीमा में संशोधन कर दिया है।
पहले इसे एक समय में 3000 टन गेहूं का स्टॉक रखने की अनुमति दी गई थी जिसे अब घटाकर 2000 टन नियत किया गया है। खाद्य मंत्रालय का कहना है कि गेहूं का स्टॉक रखने वाली सभी फर्मों को गेहूं स्टॉक लीमिट पोर्टल में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा और प्रत्येक शुक्रवार को स्टॉक पोजीशन का अपडेट करना आवश्यक होगा।
केन्द्र और राज्यों द्वारा गेहूं भंडारण सीमा के क्रियान्वयन की गहन निगरानी की जाएगी ताकि यह सुनिचित किया जा सके कि घरेलू बाजार में गेहूं का कृत्रिम अभाव उत्पन्न न हो। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के उचित प्रबंधन तथा अवांछित कारोबार पर लगाम लगाने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है।
केन्द्र सरकार घरेलू बाजार में गेहूं की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने तथा कीमतों को नियंत्रण में रखने का हर संभव प्रयास कर रही है। नए सर्कुलर के मुताबिक अब एक समय में किसी भी व्यापारी। होल सेलर के पास 2000 टन से धिक् गेहूं का स्टॉक नहीं होना चाहिए।
इसी तरह बिग चेन रिटेलर्स के प्रत्येक आउटलेट के लिए 10 टन तथा उसके सभी डिपो पर 2000 टन गेहूं का स्टॉक नियत किया गया है। अन्य संवर्गों के लिए गेहूं की भंडराण सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
यदि कोई फर्म सरकारी पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करवाते हुए पाई गई अथवा भंडारण सीमा का उल्लंघन करते हुए पकड़ी गई तो उसके खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत उचित दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।