iGrain India - वैंकुवर । कनाडा के साथ लम्बे समय से एक समस्या जुड़ी हुई है कि एक देश से इसका सम्बन्ध सुधरता है तो दूसरे के साथ बिगड़ जाता है। पहले भारत के साथ उसके गहरे व्यापारिक सम्बन्ध थे मगर अब इसमें गर्म जोशी के बजाए ठंडा पन आ गया है।
इसी तरह अमरीकी दबाव के कारण उसे चीन के साथ भी सम्बन्ध बिगाड़ने के लिए विवश होना पड़ा था जो अब धीरे-धीरे पटरी पर वापस आने लगा है।
हाल ही में कनाडा के प्रधानमंत्री एवं अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मंत्री ने इंडोनेशिया, सिंगापूर तथा भारत का दौरा किया था। भारत के साथ तो उसे सम्बन्ध प्रगाढ़ करने में ज्यादा सफलता नहीं मिली लेकिन इंडोनेशिया में कुछ कामयाबी हासिल हो गई। कनाडा के प्रधानमंत्री ने जकार्ता में एक व्यापार विकास कार्यालय खोलने की घोषणा की थी। इंडोनेशिया की आबादी 27.40 करोड़ है।
दरअसल भारत के साथ कुछ कारणों से कनाडा के सम्बन्ध कमजोर बने हुए हैं इसलिए वहां सरकार अब दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों से सम्बन्ध बनाने पर जोर दे रही है। इंडोनेशिया में गेहूं का विशाल आयात होता है जिस पर ऑस्ट्रेलिया ने काफी हद तक कब्जा कर रखा है।
वहां कनाडा को गेहूं का निर्यात बढ़ाने के लिए कड़ी मशक्क्त करनी पड़ेगी। यदि इंडोनेशिया में मटर-मसूर की खपत बढ़ी तो कनाडा को विशेष फायदा हो सकता है। वह कैनोला, मक्का तथा कुछ अन्य कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ाने का भी प्रयास कर सकता है।