iGrain India - जेनेवा । विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यू टी ओ) में चीनी व्यापार के मुद्दे पर भारत और ब्राजील के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए दोनों पक्षों की बातचीत आरंभ हो गई है। इस समाधान के एक भाग के तौर पर ब्राजील भारत के साथ एथनॉल उत्पादन तकनीक साझा कर सकता है।
ज्ञात हो कि लैटिन अमरीका में अवस्थित ब्राजील दुनिया में चीनी का सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यात देश है जबकि भारत दूसरे नम्बर पर है। ध्यान देने की बात है कि ब्राजील संसार में गन्ना तथा एथनॉल का भी सबसे बड़ा उत्पादक देश है और एथनॉल निर्माण में इस्तेमाल होने वाली टेक्नोलॉजी वहां काफी विकसित अवस्था में है जिससे भारत भी लाभ उठा सकता है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार चीनी व्यापार विवाद पर भारत और ब्राजील के बीच कुछ दौर की बातचीत हो चुकी है। भारत इस विवाद को सुलझाने के लिए जोरदार प्रयास कर रहा है।
इस सम्बन्ध में नई दिल्ली में अंतर मंत्रालयी बैठक भी हो चुकी है। ब्राजील कह रहा है कि वह भारत को एथनॉल उत्पादन के लिए अपनी तकनीक साझा करेगा। यह एक सकारात्मक संकेत है।
भारत को इसकी जरूरत है। भारत सरकार एथनॉल का घरेलू उत्पादन एवं उपयोग बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। पेट्रोल में एथनॉल के मिश्रण का लक्ष्य काफी ऊंचा रखा गया है और हासिल करने के लिए उत्पादन बढ़ाना आवश्यक है। वर्ष 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल के मिश्रण का लक्ष्य किया गया।
विश्व व्यापार संगठन ने प्लेटफार्म पर चीनी व्यापार से सम्बन्धित विवाद के समाधान हेतु भारत और ब्राजील के बीच यदि पारस्परिक सहमति से हल निकलता है तो भारत को कुछ और ऑफर प्राप्त हो जाएगा।
ध्यान देने की बात है कि हाल ही में भारत और अमरीका के बीच छह व्यापारिक विवादों का निपटारा हो गया तथा सातवें मामले को भी समाप्त करने पर दोनों पक्षों में सहमति बन गई है।
भारत के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यू टीओ) के मंच पर चीनी कारोबार से सम्बन्धी कुछ अन्य मामले (शिकायत) भी लंबित हैं और भारत आपसी बातचीत के जरिए उसे सुलझाने का प्रयास कर रहा है।