iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार चीनी बाजार पर गहरी नजर रखे हुए है क्योंकि उसे त्यौहारी सीजन में इसका बाजार भाव तेज होने की आशंका है। दरअसल गन्ना की फसल कई क्षेत्रों में कमजोर अवस्था में है।
अगस्त के सूखे ने इसकी फसल को पस्त कर दिया और उसके विकास की गति बहुत धीमी पड़ गई। उद्योग समीक्षकों को आशंका है कि सूखा ग्रस्त क्षेत्रों या कम वर्षा वाले इलाकों में गन्ना की औसत उपज दर और सुक्रेज की मात्रा घट सकती है जिससे चीनी के कुछ उत्पादन में गिरावट की संभावना रहेगी।
अगले महीने से इसकी क्रशिंग का नया मार्केटिगं सीजन आरंभ होने वाला है लेकिन कई भागों में फसल अभी परिपक्वता के चरण में नहीं पहुंच पाई है। अपर्याप्त वर्षा वाले क्षेत्रों में गन्ना के पौधे और पहले देखे जा रहे हैं।
महाराष्ट्र में चीनी आयुक्त ने मिलों को गन्ना की क्रशिंग में जल्दबाजी नहीं दिखने का सुझाव दिया है। उनका कहना है कि जब फसल पूरी तरह मैच्यौर हो जाए तभी इसको उपयोग में लाया जाना चाहिए।
कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात तथा बिहार जैसे राज्यों के गन्ना उत्पादक क्षेत्रों में बारिश की कमी रही। वैसे अब महाराष्ट्र गुजरात में वर्षा होने लगी है लेकिन अन्य राज्यों में हालत उत्साहवर्धक नहीं है।
सबसे प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्य-उत्तर में फसल की हालत लगभग सामान्य है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने अपनी आरंभिक रिपोर्ट में 2023-24 के मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के दौरान देश में करीब 317 लाख टन चीनी के उत्पादन का अनुमान लगाया है जो 2022-23 सीजन के अनुमानित उत्पादन 328 लाख टन से 11 लाख टन कम है लेकिन केन्द्र सरकार का मानना है कि चीनी का उत्पादन 2022-23 सीजन के लगभग बराबर ही रहेगा।