iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार घरेलू प्रभाग में नए माल की जोरदार आवक शुरू होने तक पर्याप्त आपूर्ति एवं उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा कीमतों पर नियंत्रण रखने के उद्देश्य से न केवल अरहर (तुवर) एवं उड़द पर भंडारण सीमा (स्टॉक लिमिट) के नियमों को और सख्त बनाने बल्कि चालू वर्ष के अंत तक इसे लागू रखने का भी प्लान बना रही है।
सरकार देश में खाद्य उत्पादों का स्टॉक रोके जाने तथा सट्टा कारोबार चलने से काफी चिंतित है और इस पर विराम लगाने का जोरदार प्रयास कर रही है। इसके अलावा सरकार भारतीय किसानों से तथा विदेशों से आयातित मसूर की खरीद का इरादा भी रखती है।
दरअसल इन दोनों दलहनों (उड़द-तुवर) के दाम में पिछले कुछ महीनों से तेजी-मजबूती का माहौल बरकरार रहने के करण अब मूंग, चना तथा मसूर का भाव भी तेज हो गया जिससे त्यौहारी सीजन में आम उपभोक्ताओं की कठिनाई काफी बढ़ने लगी है। सरकार इसे नीचे लाने की भरपूर चेष्टा कर रही है।
उल्लेखनीय है कि तुवर एवं उड़द पर फिलहाल 31 अक्टूबर 2023 तक भंडारण सीमा लागू है जबकि अधिकारियों का कहना है कि आगे इसकी समय सीमा बढ़ाई जाएगी।
विदेशों से आयातित दलहनों का भाव गत वर्ष से ऊंचा चल रहा है जबकि चालू खरीफ सीजन के दौरान दलहन फसलों का उत्पादन क्षेत्र भी घट गया है इसलिए सरकार को स्टॉक लिमिट की समय सीमा आगे बढ़ाने की आवश्यकता महसूस हो रही है।
वर्तमान समय में दलहनों की स्टॉक सीमा थोक व्यापारियों के लिए 2000 टन तथा खुदरा कारोबारियों के लिए 5 टन निर्धारित है। नए प्रस्तावित बदलाव के तहत होल सेलर्स के लिए अधिकतम स्टॉक 50 टन नियत हो सकता है जबकि बिग चेन रिटेलर्स को प्रत्येक आउटलेट पर 5 टन एवं डिपो में 50 टन दलहन रखने की अनुमति दी जा सकती है। दाल मिलों के स्टॉक में भी बदलाव होने की संभावना है मगर छोटे रिटेलर्स एवं आयातकों के लिए स्टॉक की मात्रा स्थिर रह सकती है।