iGrain India - राजकोट । दो वर्षों तक घरेलू उत्पादन अपर्याप्त होने तथा स्टॉक कम रहने से चालू वर्ष के दौरान जीरा का भाव उछलकर सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया। वर्ष 2023 में बिजाई क्षेत्र घटने तथा प्राकृतिक आपदाओं से फसल को नुकसान होने के कारण जीरा के उत्पादन में गिरावट आ गई। फसल की कटाई के दौरान हुई भारी बेमौसमी वर्षा से जीरे की फसल को काफी क्षति हुई।
केडिया एडवायजरी के अनुसार चूंकि वर्ष 2022 में भी जीरा का घरेलू उत्पादन सालाना मांग से कम हुआ था इसलिए 2023 सीजन से आरंभ में पिछला बकाया स्टॉक सीमित रहा। छोटे एवं मध्यम श्रेणी के किसान अपने जीरे का अधिकांश भाव पहले ही बेच चुके हैं और अब बड़े-बड़े उत्पादकों / व्यापारियों के पास ही इसका स्टॉक बचा हुआ है जबकि नई फसल की अभी बिजाई भी शुरू नहीं हुई है।
लेकिन अत्यन्त ऊंचे मूल्य के कारण हाल के समय में जीरे का कारोबार करने से हिचकने लगे हैं। महंगा जीरा अब रसोई घरों में कम आकर्षक हो गया है और गृहणियां इसका उपयोग घटाने लगी हैं।
केडिया एडवायजरी के मुताबिक मसाला निर्माताओं / प्रोसेसर्स ने मसाला पाउडर के निर्माण में जीरा का अंश घटाकर धनिया का उपयोग बढ़ाना शुरू कर दिया है। जीरे की निर्यात मांग भी कमजोर पड़ गई है। जून में भारत से केवल 10,411 टन जीरा का निर्यात हुआ जो मई के शिपमेंट से करीब 60 प्रतिशत कम था।
अवसरों की बात की तो देश में त्यौहारी सीजन आरंभ हो चुका है इसलिए जीरे की घरेलू मांग कुछ बढ़ने की उम्मीद है। उधर विदेशों से आयात भी सीमित मात्रा में होने की संभावना है।
समझा जाता है कि सीरिया एवं तुर्की से जो आयात अनुबंध किए गए थे उसका 70-75 प्रतिशत भाग निरस्त हो गया और केवल 25-30 प्रतिशत हिस्सा ही भारत में पहुंचा सका।
जीरा मार्केट में नए-नए निवेशकों एवं स्टॉकिस्टों के प्रवेश करने से कीमतों में तेजी-मजबूती का वातावरण कायम रह सकता है। आगे क्रिसमस के त्यौहार को देखते हुए भारत से जीरा का निर्यात बढ़ने के आसार हैं। अमरीका में इसकी अच्छी मांग रह सकती है।
लेकिन तुर्की से आयातित सस्ता जीरा घरेलू बाजार भाव को प्रभावित कर सकता है। बांग्ला देश में मांग कम है। चीन पहले ही अच्छी मात्रा में इसकी खरीद कर चुका है जबकि अगले रबी सीजन में जीरा का घरेलू उत्पादन शानदार होने की उम्मीद है। जीरा का नया माल फरवरी-मार्च में आना शुरू हो जाएगा।