iGrain India - नई दिल्ली । मोटे अनुमान के अनुसार भारत में मौजूदा समय में होने वाले गन्ना के उत्पादन से 1000 करोड़ लीटर तक एथनॉल के वार्षिक उत्पादन की गुंजाइश है जो 2025-26 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल के मिश्रण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए आवश्यकता मात्रा 1200 करोड़ लीटर से कुछ कम है।
लेकिन चीनी मिलों एवं डिस्टीलरीज की वर्तमन एथनॉल उत्पादन क्षमता को मौजूदा समय के 700 करोड़ लीटर से बढ़ाकर 1100 करोड़ लीटर तक पहुंचाने की आवश्यकता है।
चालू मार्केटिंग सीजन में 31 अगस्त तक एथनॉल के 11.76 प्रतिशत मिश्रण का लक्ष्य हासिल हो गया जबकि पूरे सीजन के लिए 12 प्रतिशत का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
अधिकारियों को उम्मीद है कि सीजन की समाप्ति तक यह लक्ष्य प्राप्त हो जाएगा। शीर्ष उद्योग संस्था- इंडिया शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अध्यक्ष का कहना है कि चालू मार्केटिंग सीजन में चीनी मिलों द्वारा करीब 450 करोड़ लीटर एथनॉल की आपूर्ति का अनुबंध किया गया है।
यदि देश से 61 लाख टन चीनी का निर्यात नहीं हुआ होता तो उद्योग के पास 500 करोड़ लीटर अतिरिक्त एथनॉल का स्टॉक बच सकता था। लेकिन चीनी मिलों के पास इतने एथनॉल के उत्पादन की क्षमता नहीं है और इस क्षमता को बढ़ाए जाने की तत्काल सख्त जरूरत है क्योंकि पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल के मिश्रण का लक्ष्य हासिल करने में अब केवल दो साल का समय बाकी है।
क्षमता विस्तार के लिए 17,000 करोड़ रुपए से अधिक के दीर्घकालीन मूल्य निर्धारण नीति बनाने पर ध्यान देना चाहिए। गन्ना का क्षेत्रफल बढ़ाए बगैर चीनी उद्योग एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल करने में सक्षम हो सकता है। इस वर्ष गन्ना एवं चीनी के उत्पादन में नमी आने की संभावना है।