iGrain India - कोच्चि । विदेशों और खासकर श्रीलंका तथा वियतनाम से विशाल मात्रा में आयातित सस्ती कालीमिर्च का प्रवाह बढ़ने से उत्तरी भारत के बाजारों में स्वदेशी उत्पाद के कारोबार प्रभावित होने की आशंका है।
स्वदेशी अनगार्बल्ड कालीमिर्च का दाम 631 रुपए प्रति किलो एवं आयातित माल का भाव 600-625 रुपए प्रति किलो के बीच बताया जा रहा है। केरल, कर्नाटक एवं तमिलनाडु जैसे शीर्ष उत्पादक राज्यों में वर्षा का अभाव होने से कालीमिर्च का उत्पादन घटने की आशंका है और ऐसी हालत में यदि इसकी मांग आगामी महीनों में कमजोर रही तो उत्पादकों को काफी नुकसान हो सकता है।
एक विश्लेषक के अनुसार अगस्त 2023 में कालीमिर्च का आयात बढ़कर 3800 टन पर पहुंच गया। वियतनामी कालीमिर्च का आयात खर्च 3000/3500 डॉलर प्रति टन बताया जा रहा है जबकि स्वदेशी कालीमिर्च का निर्यात ऑफर मूल्य 8025 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गया है।
यह सही है कि वियतनाम की तुलना में भारतीय कालीमिर्च की क्वालिटी काफी अच्छी होती है इसलिए इसके दाम में 400-500 डॉलर प्रति टन तक का अंतर होने पर विदेशी भारतीय माल को ही पसंद करते हैं लेकिन अभी तो यह 4500/5000 डॉलर प्रति टन ऊंचा चल रहा है जिससे इसका निर्यात प्रदर्शन निराशाजनक है।
आमतौर पर त्यौहारी सीजन से पूर्व मसाला निर्माताओं की मांग बढ़ने से कालीमिर्च का अच्छा कारोबार हो रहा है मगर इसमें आयातित माल की भगीदारी ज्यादा देखी जा रही है।
वैसे भी देश में कालीमिर्च का सालाना उत्पादन घटकर 60-65 हजार टन पर सिमट रहा है जबकि निर्यात सहित कुल जरुरत बढ़कर 80-85 हजार टन पर पहुंच गई है। इसके चलते विदेशों से कालीमिर्च के आयात पर निर्भरता बढ़ गई है। 2023-24 के सीजन में कालीमिर्च का घरेलू उत्पादन घटकर 50 हजार टन के करीब रह जाने की संभावना है।