iGrain India - नई दिल्ली । प्राइवेट चीनी मिलों के शीर्ष संगठन- इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने अपनी आरंभिक रिपोर्ट में 2023-24 के मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के दौरान 317 लाख टन चीनी का घरेलू उत्पादन होने तथा 45 लाख टन चीनी के समतुल्य गन्ना का उपयोग एथनॉल निर्माण में किए जाने का अनुमान लगाया था और वह अब भी अपने उस अनुमान पर कायम है।
इधर खाद्य मंत्रालय का कहना है कि चीनी का उत्पादन 2022-23 सीजन के लगभग बराबर ही होगा। इस्मा ने 2022-23 के सीजन में 328 लाख टन चीनी का उत्पादन आंका है।
इस्मा के अध्यक्ष ने पिछले दिन कहा था कि प्रमुख उत्पादक राज्यों में गन्ना के क्षेत्रफल का उपग्रह से प्राप्त चित्रों के आधार पर अध्ययन-विश्लेषक करने के बाद नवम्बर 2023 के दौरान चीनी उत्पादन का नया अनुमान जारी किया जाएगा क्योंकि अगस्त माह के दौरान उत्पादक क्षेत्रों में बारिश का भारी अभाव देखा गया जबकि चालू माह (सितम्बर) में मानसून की अच्छी वर्षा होने के संकेत मिल रहे हैं।
इस्मा अध्यक्ष के मुताबिक एथनॉल निर्माण में अगले सीजन के दौरान गन्ना की अधिक मात्रा का इस्तेमाल किया जा सकता है जिससे चीनी का उत्पादन घट सकता है।
2022-23 के मार्केटिंग सीजन में 328 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ जबकि 42 लाख टन चीनी के समतुल्य गन्ना का उपयोग एथनॉल निर्माण में हुआ।
इस्मा अध्यक्ष ने सरकार से चीनी का एक्स फैक्टरी न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) 3100 रुपए प्रति क्विंटल के मौजूदा स्तर से बढ़ाकर 3800 रुपए प्रति क्विंटल नियत करने का आग्रह किया है क्योंकि इसका उत्पादन खर्च काफी बढ़ गया है।
उनका कहना है कि चीनी का एमएसपी गन्ना के उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) के साथ जोड़ा जाना चाहिए। वर्तमान समय में चीनी के एक्स फैक्टरी भाव इस एमएसपी से काफी ऊंचा चल रहा है लेकिन चीनी का बेंचमार्क मूल्य प्रचलित बाजार भाव पर नहीं बल्कि लागत खर्च के आधार पर निर्यात होगा चाहिए ताकि उद्योग को स्थायी राहत मिल सके।