iGrain India - पुणे । घरेलू चीनी उत्पन्न में लगभग एक-तिहाई का योगदान देने वाले राज्य- महाराष्ट्र में चालू वर्ष के दौरान मानसून की बारिश कम होने से गन्ना की फसल को नुकसान हुआ है जिसे देखते हुए वहां चीनी के उत्पादन में भारी गिरावट आने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
ज्ञात हो कि महाराष्ट्र में 2022-23 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन के दौरान करीब 105 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ जबकि 2021-22 के सीजन में यह 137 लाख टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था।
वेस्टर्न इंडिया शुगर मिल्स एसोसिएशन (विस्मा) के अध्यक्ष का कहना है कि राज्य की चीनी मिलों को 2023-24 के सीजन में गन्ना की भारी कमी का संकट झेलना पड़ सकता है जिससे चीनी उत्पादन के प्रति गंभीर चिंता उत्पन्न हो गई है।
जुलाई एवं अगस्त के दौरान प्रमुख गन्ना उत्पादक क्षेत्रों में मानसूनी वर्षा का अभाव रहा और सितम्बर की बारिश से फसल के सुधरने की उम्मीद भी घटती जा रही है।
इसके फलस्वरूप पिछले सीजन की तुलना में 2023-24 सीजन के दौरान महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन 15 प्रतिशत घटने का आरंभिक अनुमान है जबकि आगे यह गिरावट 20-25 प्रतिशत तक पहुंच सकती है।
गन्ना क्रशिंग का सीजन शुरू करने हेतु राज्य सरकार द्वारा अनुमति देने में देर की जा रही है जिससे स्थिति संभलने के बजाए और बिगड़ सकती है। महाराष्ट्र में गुड़ एवं खांडसारी निर्माण इकाइयों की संख्या बढ़ती जा रही है जिससे चीनी उत्पादन के लिए गन्ना की उपलब्धता घट सकती है।
किसान इन इकाइयों को अपने गन्ने की आपूर्ति बढ़ा सकते हैं। महाराष्ट्र में चारा का भी अभाव है और किसान गन्ना की फसल को पशु चारे के रूप में भी इस्तेमाल करने पर जोर दे सकते हैं।
पिछले सीजन के दौरान महाराष्ट्र में गन्ना की औसत उपज दर नीचे रहने से चीनी का उत्पादन उम्मीद से काफी कम हुआ। 2023-24 के सीजन में भी ऐसी ही स्थिति रहने की संभावना है।
राज्य सरकार सम्पूर्ण स्थिति पर गहरी नजर रख रही है। महाराष्ट्र सरकार ने दूसरे राज्यों में गन्ना की बिक्री पर रोक लगा दी है जिसका महाराष्ट्र के किसानों द्वारा जोरदार विरोध किया जा रहा है।