iGrain India - नई दिल्ली । घरेलू बाजार में बढ़ते भाव पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार ने देशभर के मिलर्स को अक्टूबर माह के संभावित फ्री सेल (NS:SAIL) कोटे में से 13 लाख टन चीनी की अग्रिम बिक्री तत्काल शुरू करने की अनुमति प्रदान की है।
इससे घरेलू प्रभाग में चीनी की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने में सहायता मिलेगी। सितम्बर कोटे की चीनी की नियमित बिक्री भी जारी रहेगी।
एक अलग आदेश में खाद्य मंत्रालय ने चीनी मिलर्स, व्यापारियों, होल सेलर्स, तथा रिटेलर्स (बिग चेन सहित) को तत्काल एक खास पोर्टल पर अपनी चीनी के स्टॉक पोजीशन का खुलासा करने तथा प्रत्येक सोमवार को उसे अपडेट करने के लिए कहा है।
हालांकि अक्टूबर माह के लिए फिलहाल देश भर की मिलों को चीनी का फ्री सेल कोटा आवंटित नहीं किया गया है लेकिन मिलर्स को उसकी पहली संभावित खेप के तहत चीनी की बिक्री आरंभ करने का निर्देश दिया गया है। अक्टूबर का फ्री सेल कोटा जल्दी ही घोषित होने वाला है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार चीनी का फ्री सेल कोटा वाली पहली खेप का निर्णय मिलों के पिछले विक्रय रिकॉर्ड के आधार पर किया जाएगा। दरअसल सरकार त्यौहारी सीजन में चीनी के घरेलू बाजार भाव को स्थिर रखने का हर संभव प्रयास कर रही है।
सितम्बर माह के लिए 25 लाख टन का विशाल कोटा घोषित होने के बावजूद चीनी के दाम में कोई नरमी का संकेत नहीं मिलने से सरकार की चिंता बढ़ गई है। उसे आगे इसमें कुछ और तेजी आने की आशंका है।
उपभोक्ता मामले मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि अखिल भारतीय स्तर पर 21 सितम्बर 2023 को चीनी का औसत थोक बाजार भाव बढ़कर 4054.69 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया जो गत माह से 1 प्रतिशत तथा पिछले साल से 3 प्रतिशत ऊंचा है।
इसी तरह चीनी का औसत खुदरा मूल्य सुधरकर 4373 रुपए प्रति क्विंटल हो गया जो पिछले माह की इसी तिथि (21 सितम्बर) को 4329 रुपए प्रति क्विंटल तथा गत वर्ष 4257 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया था।
अगस्त के अंत में स्वदेशी उद्योग के पास करीब 83 लाख टन चीनी का स्टॉक बचा हुआ था जबकि 2023-24 का गन्ना क्रशिंग सीजन भी अगले महीने से आरंभ होने वाला है इसलिए सरकार यह मानकर चल रही है कि देश में घरेलू मांग एवं खपत को पूरा करने के लिए चीनी का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है और त्यौहारी सीजन में इसका कोई अभाव महसूस नहीं होना चाहिए।
अक्टूबर के लिए 13 लाख टन चीनी के अग्रिम बिक्री कोटे को जल्दी से जल्दी बेचने के लिए कहा गया है जबकि शेष कोटा बाद में निर्धारित किया जाएगा।