iGrain India - लंदन । इंटरनेशनल शुगर ऑर्गेनाइजेशन (आईएसओ) ने चीनी का वैश्विक उत्पादन 2020-23 सीजन के 1770.20 लाख टन से 1.21 प्रतिशत घटकर 2023-24 के सीजन में 1748.40 लाख टन पर सिमटने का अनुमान लगाया है जबकि दूसरी ओर इसकी वैश्विक खपत इसी अवधि के दौरान 1765.30 लाख टन से सुधरकर 1769.60 लाख टन पर पहुंचने की संभावना व्यक्त की है।
इस तरह 2023-24 के मार्केटिंग सीजन में चीनी का वैश्विक उत्पादन इसके कुल उपयोग से 21.18 लाख टन कम होगा जिससे बाजार मजबूत रहने की संभावना है। आईएसओ के मुताबिक 2023-24 के सीजन में कच्ची चीनी (रॉ शुगर) का वैश्विक बाजार भाव 25 सेंट प्रति पौंड के करीब रह सकता है।
आईएसओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ कारकों पर ध्यान रखना आवश्यक है। यह देखना जरुरी होगा कि भारत में सितम्बर-अक्टूबर के दौरान वर्षा की स्थिति वैसी रहती है और नए सीजन में गन्ना तथा चीनी के उत्पादन पर उसका कैसा प्रभाव पड़ता है।
लैटिन अमरीकी देश- ब्राजील में चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन होने का अनुमान लगाया जा रहा है लेकिन वहां एथनॉल के उत्पादन पर अब अधिक जोर दिया जा सकता है क्योंकि खनिज तेल का भाव बढ़ रहा है।
अगले दो माह का समय भारत, थाईलैंड और ब्राजील के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। जनवरी 2024 तक आते आते स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो जाएगी।
न्यूयार्क स्थित इंटर कांटीनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) में कच्ची चीनी का वायदा भाव उछलकर 27.44 सेंट प्रति पौंड (50,425 रुपए प्रति टन) पर पहुंच गया है जो पिछले 12 वर्षों का सबसे ऊंचा स्तर है।
आईएसओ के कार्यकारी निदेशक ने कहा है कि 2023-24 सीजन के दौरान इसका भाव 25 सेंट प्रति पौंड (45,950 रुपए प्रति टन) के आसपास रह सकता है। इसका प्रमुख कारण भारत में उत्पादन घट जाना है।
इस्मा ने 2023-24 सीजन के दौरान चीनी का घरेलू उत्पादन गिरकर 317 लाख टन पर सिमटने का आरंभिक अनुमान लगाया है। भारत के बारे में कहा गया है कि यहां 361 लाख टन चीनी की कुल उपलब्धता रहेगी जिससे 281 लाख टन का घरेलू उपयोग एवं 10 लाख टन का घरेलू उपयोग एवं 10 लाख टन का निर्यात होगा और अगले सीजन के अंत में उद्योग के पास करीब 70 लाख टन चीनी का अधिशेष स्टॉक बच जाएगा।