iGrain India - हिसार । एक फसल बीमा कम्पनी द्वारा 'क्लस्टर 2' में खरीफ फसलों को बीमा कवर देने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को क्रियान्वित करने से इंकार कर दिए जाने के बाद कृषि विभाग ने हरियाणा फसल सुरक्षा योजना लाने का फैसला किया है।
हरियाणा के सात जिलों में चालू खरीफ सीजन के दौरान कपास उत्पादकों को इस योजना के अंतर्गत फसल नुकसान के एवज में आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
राज्य सरकार ने 22 सितम्बर को इस योजना को इस योजना को अधिसूचित कर दिया जो सिर्फ क्लस्टर 2 के जिलों- हिसार, जीन्द, अम्बाला, गुरुग्राम, करनाल, महेन्द्रगढ़ तथा सोनीपत में ही कपास की फसल के लिए है।
सरकारी अधिसूचना के अनुसार कृषि विभाग ने किसानों को एमएफएम की पोर्टल पर पंजीकृत फसल पर शुल्क के रूप में 1500 रुपए का भुगतान करने के लिए कहा है और फसल कटाई प्रयोग के आधार पर सरकार किसानों को अधिकतम 35000 रुपए प्रति एकड़ की दर से वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
कृषि विभाग के मुताबिक हिसार जिले में पिंक बालवर्म कीट के घातक प्रकोप से करीब 1.40 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कपास की फसल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है लेकिन चूंकि हिसार जिला क्लस्टर 2 का ही एक भाग है इसलिए किसान वहां अपनी फसल का बीमा करवाने में सफल नहीं हो सके क्योंकि कोर्ट में एक मामला लंबित होने के कारण बीमा कम्पनी ने किसानों का बीमा करने से इंकार कर दिया था।
कपास उत्पादकों का कहना है कि अब असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है क्योंकि स्कीम के क्रियान्वयन के लिए सरकार की ओर से कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किया गया है।
एक किसान के अनुसार उसने जुलाई में कपास फसल के लिए 8 एकड़ जमीन में बीमा के लिए करीब 1900 रुपए प्रति एकड़ की दर से प्रीमियम का भुगतान किया था मगर अब तक न तो प्रीमियम मिला है और न ही फसल का बीमा हुआ है।
अब सरकार 1500 रुपए का शुल्क मांग रही है जबकि कोई स्पष्ट दिशा निर्देश भी जारी नहीं हुआ है। किसान हिसार में कृषि विभाग के अधिकारियों से और साथ ही साथ मुख्यालय में भी इस सम्बन्ध में पूछताछ कर रहे हैं मगर उन्हें कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिल रहा है।