iGrain India - श्रीगंगानगर । सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त- राजस्थान में पिछले दिन आयोजित एक सेमिनार में विभिन्न वक्ताओं एवं विश्लेषकों ने 2023-24 के वर्तमान सीजन में ग्वार का उत्पादन घटकर 50-55 लाख बोरी पर सिमट जाने का अनुमान लगाया जो 2022-23 सीजन के उत्पादन 85 लाख बोरी से काफी कम है।
नई फसल की कटाई-तैयारी तो शुरू हो गई है मगर वर्षा की वजह से क्वालिटी कमजोर देखी जा रही है। दूसरी ओर बीकानेर एवं जोधपुर में न केवल बारिश कम हुई बल्कि इसमें लम्बा अंदर भी रहा जिससे फसल पर असर पड़ा। बारानी क्षेत्र में फसल की हालत संतोषजनक नहीं बताई गई।
एक विश्लेषक का कहना था कि गत वर्ष की तुलना में इस बार ग्वार का उत्पादन 60 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 53 लाख टन पर सिमट सकता है। ग्वार चूरी की अच्छी मांग है।
क्वालिटी बहुत बढ़िया नहीं है। 2012 से 2016 तक बाजार भाव काफी ऊंचा रहने के कारण ग्वार के उत्पादन में भारी बढ़ोत्तरी हुई थी लेकिन उसके बाद से पैदावार में गिरावट देखी जा रही है।
एक समीक्षक के मुताबिक चालू सीजन के दौरान ग्वार का न्यूतनम भाव 5700 रुपए प्रति क्विंटल रह सकता है। चूरी एवं कोरमा की घरेलू मांग अच्छी है। अन्य विश्लेषकों के अनुसार ग्वार का औसत भाव 6500/7000 रुपए प्रति क्विंटल रहने की उम्मीद है। एक समीक्षक ने तो यहां तक कह दिया कि ग्वार का दाम अगले 75 दिनों में बढ़कर 7000/8000 रुपए प्रति क्विंटल और एक माह में 8000 रुपए प्रति क्विंटल से ऊपर पहुंच सकता है।
राजस्थान में ग्वार का उत्पादन गंगानगर में 9.50 लाख बोरी, हनुमानगढ़ में 4.50 लाख बोरी, नागौर में 3 लाख बोरी, जैसलमेर में 5.50 लाख बोरी, पाली में 1.50-1.75 लाख बोरी, सीकर में 1.30 लाख बोरी तथा अजमेर में 75 हजार बोरी होने का अनुमान लगाया गया है जबकि शेष उत्पादन अन्य क्षेत्रों में होने की संभावना है।
हरियाणा में 6.50-7.00 लाख बोरी ग्वार का उत्पादन होने की उम्मीद है। आमतौर पर नवम्बर से जनवरी के दौरान ग्वार का भाव तेज रहने की संभावना व्यक्त की गई है जबकि बीच-बीच में उतार-चढ़ाव आ सकता है।