iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने अरहर (तुवर) एवं उड़द पर भंडारण सीमा की अवधि को 30 अक्टूबर से बढ़ाकर अब 31 दिसम्बर 2023 नियत कर दिया है और साथ ही साथ होल सेलर्स एवं बिग चेन रिटेलर्स के लिए भंडारण की मात्रा भी घटा दी है।
केन्द्रीय खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार सरकार द्वारा आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत तुवर और उड़द के लिए भंडराण सीमा की अवधि बढ़ाई गई है और कुछ संवर्ग की स्टॉक धारिता की सीमा को संशोधित किया गया है।
कल यानी 25 सितम्बर को जारी अधिसूचना के अनुसार होल सेलर्स के लिए स्टॉक धारिता सीमा (मात्रा) को 200 टन से घटाकर 50 टन नियत किया गया है।
इसी तरह बिग चेन रिटेलर्स के लिए भी स्टॉक की मात्रा डिपो पर 200 टन से घटाकर 50 टन निर्धारित की गई है। इसके अलावा दाल मिलर्स के लिए पहले गत तीन माह के उत्पादन अथवा वार्षिक क्षमता का 25 प्रतिशत स्टॉक रखने का नियम था मगर अब उसे घटाकर एक माह के उत्पादन या वार्षिक क्षमता के 10 प्रतिशत, जो भी ज्यादा हो, पर निर्धारित किया गया है।
अधिसूचना के मुताबिक घरेलू प्रभाग में तुवर एवं उड़द की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने तथा कीमतों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है ताकि बाजार में तुवर दाल एवं उड़द दाल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो सके।
यह नया निर्णय देश के सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए लागू होगा। इसके तहत अब स्टॉक धारिता सीमा होल सेलर्स के लिए 50 टन, खुदरा कारोबारियों के लिए 5 टन, बिग चेन रिटेलर्स के लिए प्रत्येक आउटलेट हेतु 5 टन एवं डिपो के वास्ते 50 टन नियत रहेगी।
किसी भी समय उनके पास इस निर्धारित मात्रा से अधिक का स्टॉक नहीं होना चाहिए। जहां तक आयातकों का सवाल है तो वे विदेशों से आयातित दलहनों के स्टॉक को कस्टम क्लीयरेंस मिलने की तिथि से 30 दिनों से अधिक समय तक अपने पास नहीं रख सकते हैं यानी एक माह के अंदर उन्हें अपना स्टॉक बेचना आवश्यक होगा।