iGrain India - बन्फ । दुनिया में मसूर के सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश- कनाडा में इस महत्वपूर्ण दलहन फसल की कटाई-तैयारी समाप्त होने के बाद इसके उत्पादन की स्थिति स्पष्ट हो गई है।
सस्कैचवान के बाद दूसरे सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त- अल्बर्टा के बन्फ शहर में 25 से 28 सितम्बर के दौरान आयोजित सीएससीसी कांफ्रेंस में यह निष्कर्ष सामने आया कि 2023-24 सीजन के दौरान मसूर का कुल घरेलू उत्पादन घटकर 17.55 लाख टन पर सिमट गया।
इसमें 11.92 लाख टन लाल मसूर (क्रिमसंस टाइप), 1.39 लाख टन छोटी हरी मसूर (एस्टोन) तथा 4.26 लाख टन मीडियम (रिचली) तथा मोटी हरी मसूर (लेयर्ड) का उत्पादन शामिल है। 2023-24 के सम्पूर्ण मार्केटिंग सीजन के दौरान कनाडा से कुल 16.50 लाख टन मसूर के निर्यात का अनुमान लगाया गया है जबकि घरेलू खपत के बाद मार्केटिंग सीजन के अंत में वहां केवल 65 हजार टन मसूर का स्टॉक बचने की संभावना व्यक्त की गई है।
कनाडा में करीब 86 प्रतिशत मसूर का उत्पादन अकेले सस्कैचवान प्रान्त में होता है। राज्य कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष वहां उत्पादित कुल मसूर में 88 प्रतिशत की क्वालिटी नम्बर 1 एवं 2 श्रेणी की है जो 10 वर्षीय औसत 77 प्रतिशत से ज्यादा है।
शेष 12 प्रतिशत की क्वालिटी एक्स्ट्रा न० 3, सीजीपी नम्बर 3 या उससे नीचे की श्रेणी की है। वर्ष 2023 में कुल मिलाकर 13.50 लाख टन मसूर को नम्बर 1 एवं नम्बर 2 श्रेणी में आंका गया है जो वर्ष 2022 के 21.20 लाख टन से काफी कम है।
2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन के शुरूआती कुछ सप्ताहों के दौरान कनाडा में 1.42 लाख टन मसूर का बल्क मूवमेंट दर्ज किया गया जो पंचवर्षीय औसत 1.35 लाख टन से कुछ अच्छा रहा। भारत के साथ कनाडा के बिगड़ते सम्बन्ध से कुछ चिंता उत्पन्न होने लगी है।
भारत की तरफ से यदि आयात पर किसी तरह का नियंत्रण या प्रतिबंध लगाया गया तो वहां मसूर का भाव काफी तेज एवं ऊंचा हो सकता है जो भारत के हित में नहीं होगा और आम उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर मसूर की उपलब्धता सुनिश्चित करने की कठिनाई होगी।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार कनाडा पहले ही नई फसल से 3 लाख टन से अधिक मसूर का निर्यात अनुबंध कर चुका है और 3 बल्क वेसेल्स (जहाज) पर करीब 1.25 लाख टन मसूर की लोडिंग होने वाली है।