iGrain India - गुंटूर । देर से एवं धीमी शुरुआत के बाद लालमिर्च की बिजाई की गति आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में अब तेज हो गई। दरअसल अगस्त में मौसम शुष्क एवं गर्म रहने से इन दोनों शीर्ष उत्पादक राज्यों में बिजाई बाधित थी लेकिन सितम्बर की बारिश से किसानों को बिजाई की रफ्तार बढ़ाने का अच्छा अवसर मिल गया।
गुंटूर स्थित संस्था- चिली एक्सपोर्टर्स एसोसिशन के अध्यक्ष का कहना है कि आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में लालमिर्च की बिजाई (रोपाई) प्रक्रिया अब भी जारी है और कुल मिलाकर इसका क्षेत्रफल गत वर्ष के स्तर तक पहुंच जाने की उम्मीद है। लेकिन प्रमुख बांधों एवं जलाशयों में पानी का भंडारण कम होना एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है।
लालमिर्च की रोपाई की गति पहले धीमी रहने से कीटनाशी दवाओं के विक्रेता भी चिंतित थे क्योंकि इन रसायनों का कारोबार काफी सुस्त पड़ गया था लेकिन अब इसकी चिंता दूर होने लगी है। शुष्क मौसम एवं बारिश के अभाव के कारण बिजाई की गति धीमी पड़ गई थी।
एक अग्रणी व्यापारिक फर्म के अनुसार दक्षिण भारत में लालमिर्च की बिजाई की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच गई है और जल्दी ही समाप्त होने वाली है। इससे बाजार की धारणा (सेंटीमेंट) में सुधार आया है।
लालमिर्च के उत्पादक क्षेत्रों में कीटनाशी रसायनों की बिक्री बढ़ने की उम्मीद की जा रही है। मालूम हो कि इसकी फसल को अक्सर ब्लैक थ्रिप्स कीट से खतरा रहता है। दो साल पूर्व इस कीट ने फसल को काफी नुकसान पहुंचाया था।
कर्नाटक में चालू वर्ष के दौरान लालमिर्च के उत्पादन क्षेत्र में कुछ बढ़ोत्तरी हुई और खासकर हुबली, बेल्लारी तथा बगलकोट जैसे क्षेत्रों में फसल की हालत काफी अच्छी बताई जा रही है। अनिश्चित एवं अनियमित बारिश के बावजूद फसल की प्रगति में कोई खास बाधा नहीं पड़ी है और ब्लैक थ्रिप्स अथवा लीफ कर्ल वायरस का प्रकोप भी नहीं देखा जा रहा है।
व्यापार विश्लेषकों के मुताबिक कुल मिलाकर लालमिर्च का उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के बराबर या उससे कुछ अधिक रहने की संभावना है जबकि इसका स्टॉक भी प्रमुख उत्पादक इलाकों में गत वर्ष के लगभग बराबर ही है। इस बार लालमिर्च का उत्पादन नवम्बर एवं दिसम्बर की वर्षा पर निर्भर करेगा।
गुंटूर में करीब 35 लाख बोरी एवं इसके ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 7 लाख बोरी लालमिर्च का स्टॉक मौजूद है जबकि प्रत्येक बोरी 40 किलो की होती है। आंध्र प्रदेश के शेष भाग में करीब 3 लाख बोरी का स्टॉक है।
इसी तरह तेलंगाना में लगभग 25 लाख बोरी लालमिर्च का स्टॉक उपलब्ध होने का अनुमान है। 2021-22 सीजन के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर 8.82 लाख हेक्टेयर के कुल बिजाई क्षेत्र में 18.36 लाख टन लालमिर्च तथा 4.27 लाख हेक्टेयर के क्षेत्रफल में 47 लाख टन हरी मिर्च का उत्पादन हुआ था। चीन की मांग का इंतजार किया जा रहा है।