iGrain India - लालमिर्च की कीमतों में गिरावट : मध्य प्रदेश की मंडियों में आवक बढ़ी
नई दिल्ली । चालू सप्ताह के दौरान लालमिर्च की कीमतों में गिरावट रही। उल्लेखनीय है कि प्रमुख उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश की मंडियों में नए मालों की आवक बढ़ने लगी है। हालांकि इस वर्ष मध्य प्रदेश में लालमिर्च का बिजाई क्षेत्रफल गत वर्ष की तुलना में 20/25 प्रतिशत कम रहा था। लेकिन बिजाई के पश्चात मौसम फसल के अनुकूल बना रहने एवं इस वर्ष फसल में कोई वायरस न लगने के कारण प्रति हेक्टेयर उत्पादकता बढ़ने के अलावा क्वालिटी भी अच्छी आ रही है। इसके अलावा आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में भी लालमिर्च की बिजाई बढ़ने के समाचार मिल रहे हैं। जिस कारण से हाल-फिलहाल लालमिर्च की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है।
कीमतों में गिरावट
मध्य प्रदेश को बेडिया मंडी में नए लालमिर्च फुलकट का भाव 251 रुपए एवं डंडीदार का भाव 211 रुपए प्रति किलो खुला था। जोकि आज घटकर फुलकट 230 रुपए एवं डंडीदार 190 रुपए पर आ गया है। आवक भी बढ़कर 4/5 हजार बोरी की हो गई है। सूत्रों का मानना है कि आगामी सप्ताह आवक बढ़कर 9/10 हजार बोरी के आसपास हो जाएगी।
आंध्र प्रदेश की गुंटूर मंडी में चालू सप्ताह के दौरान लालमिर्च तेजा का भाव 242 से मंदे के साथ 235 रुपए पर बोला गया। जबकि खम्मम मंडी तेजा का भाव 240 रुपए से नरमी के साथ 236 रुपए पर बोला जा रहा है। उत्पादक केन्द्रों के मंदे समाचार मिलने एवं लोकल में भी मांग कमजोर बनी रहने से खपत केन्द्रों पर भी लालमिर्च के भाव मंदे के साथ बोले जा रहे थे। जानकार सूत्रों का कहना है कि वर्तमान में निर्यातकों की मांग का अभाव बना हुआ है। बांग्ला देश की छिटपुट लिवाली चल रही है। चायना की मांग कम है।
आंध्र प्रदेश- तेलंगाना
लालमिर्च के प्रमुख उत्पादक राज्य आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में इस वर्ष लालमिर्च की बिजाई 20/25 प्रतिशत अधिक क्षेत्रफल पर की गई है। क्योंकि चालू सीजन के दौरान उत्पादकों को उचित मूल्य मिलने के कारण इस वर्ष किसानों ने लालमिर्च की बिजाई को प्राथमिकता दी है। कर्नाटक में भी फसल अच्छी होने के समाचार मिल रहे हैं। आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में नए माल की आवक जनवरी माह में शुरू हो जाएगी।
तेजी की संभावना नहीं
जानकार सूत्रों का कहना है कि लालमिर्च की कीमतों में हाल-फिलहाल तेजी की कोई संभावना नहीं है। क्योंकि आगामी दिनों में मध्य प्रदेश की मंडियों में नए मालों की आवक बढ़नी शुरू हो जाएगी और आवक का दबाव नवम्बर माह तक रहेगा। तत्पश्चात दिसम्बर अंत या जनवरी में आंध्र प्रदेश की मंडियों में आवक शुरू हो जाएगी।
निर्यात
वर्तमान में हालांकि निर्यातक मांग कमजोर बनी हुई है लेकिन चालू सीजन के शुरूआती दौर में चीन एवं बांग्ला देश की अच्छी मांग होने के कारण अप्रैल- जुलाई 2023 के दौरान लालमिर्च के निर्यात में वृद्धि दर्ज की गई है। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार गत वर्ष अप्रैल-जुलाई 2022 के दौरान लालमिर्च का निर्यात 142999.49 टन का हुआ था जोकि अप्रैल- जुलाई- 2023 में बढ़कर 176354.72 टन का हो गया है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2021-22 में लालमिर्च का निर्यात 557143.98 टन का हुआ था जोकि वर्ष 2022-23 में 7 प्रतिशत घटकर 516184.91 टन पर आ गया है।