iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय वित्त मंत्रालय ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में खाद्य सब्सिडी व्यय के लिए 70,000 करोड़ रुपए की राशि जारी कर दी है।
खाद्य निगम को सम्पूर्ण वित्त वर्ष के लिए 1.37 ट्रिलियन रुपए के फंड समर्थन की आवश्यकता पड़ने का आंकलन किया गया है। प्रथम छमाही का यह आवंटन निगम द्वारा मुफ्त राशन वितरण स्कीम के अन्तर्गत खाद्यान्न की आपूर्ति पर होने वाले खर्चों को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पिछले अनेक वर्षों में पहली बार खाद्य निगम को चालू वित्त वर्ष के दौरान अपने संचालनीय खर्चों को पूरा करने के अल्पकालीन ऋण लेने की आवश्यकता नहीं पड़ी क्योंकि उसे खाद्य सब्सिडी व्यय के लिए सही समय पर धनराशि जारी हो गई।
उल्लेखनीय है कि भारतीय खाद्य निगम केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय की एक ऐसी अधीनस्थ एजेंसी है जो खाद्यान्न की खरीद, उसका भंडारण, संचालन, रख रखाव एवं विभिन्न सरकारी योजनाओं में उसके वितरण के लिए जिम्मेवार है।
खाद्य निगम द्वारा चावल, गेहूं, मोटे अनाज एवं कभी-कभार दलहनों की खरीद भी की जाती है। खाद्य मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि वित्त मंत्रालय साप्ताहिक आधार पर वर्चुअली सब्सिडी व्यय की राशि रिलीज कर रहा है इसलिए निगम को बैंकों से ऋण लेने की जरूरत नहीं पड़ रही है। निगम पर अल्पकालीन ऋण की बकाया राशि भी वित्त वर्ष 2018-19 के 41226 करोड़ रुपए से घटकर वित्त वर्ष 2022-23 में महज 3000 करोड़ रुपए रह गई।