🏃 इस ब्लैक फ्राइडे ऑफर का लाभ जल्दी उठाएँ। InvestingPro पर अभी 55% तक की छूट पाएँ!सेल को क्लेम करें

सोयाबीन का घरेलू उत्पादन 118 लाख टन होने का सोपा का अनुमान

प्रकाशित 09/10/2023, 11:42 am
अपडेटेड 09/10/2023, 11:45 am
सोयाबीन का घरेलू उत्पादन 118 लाख टन होने का सोपा का अनुमान

iGrain India - इंदौर । सोयाबीन प्रोसेसिंग उद्योग के शीर्ष संगठन- सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिशन ऑफ इंडिया (सोपा) ने राष्ट्रीय स्तर पर इस महत्वपूर्ण तिलहन का उत्पादन 2022-23 सीजन की तुलना में 4.3 प्रतिशत गिरकर 2023-24 के वर्तमान सीजन में 118 लाख टन के करीब रह जाने का अनुमान लगाया है।

सोपा के अनुसार चालू खरीफ सीजन के दौरान मौसम एवं मानसून की हालत फसल के लिए पूरी तरह अनुकूल नहीं रहने से देश के तीनों शीर्ष उत्पादक राज्यों- मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं राजस्थान में सोयाबीन की औसत उत्पादकता दर में कमी आने की संभावना है।

हालांकि पिछले साल के मुकाबले चालू खरीफ सीजन के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर सोयाबीन के बिजाई क्षेत्र में कुछ बढ़ोत्तरी हुई मगर इसकी औसत उपज दर में 7.5 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है।

उत्पादन में गिरावट आने का बाजार भाव पर कुछ सकारात्मक असर पड़ सकता है। उत्पादन की मात्रा की दृष्टि से सोयाबीन खरीफ सीजन की सबसे महत्वपूर्ण तिलहन फसल है। 

सोपा के आंकड़ों के अनुसार 2023-24 लाख टन, राजस्थान में 10.12 लाख टन, कर्नाटक में 3.87 लाख टन, गुजरात में 2.49 लाख टन, तेलंगाना में 1.68 लाख टन, छत्तीसगढ़ में 31 हजार टन एवं अन्य राज्यों में 89 हजार टन सहित अखिल भारतीय स्तर पर 118.74 लाख टन हो सकता है जो 2022-23 सीजन के कुल उत्पादन 124.11 लाख टन से 4.3 प्रतिशत कम है। 

उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने सोयाबीन का बिजाई क्षेत्र इस बार 125.40 लाख हेक्टेयर पर पहुंचने का आंकड़ा दिया है लेकिन सोपा का मानना है कि वास्तविक क्षेत्रफल 118.55 लाख हेक्टेयर तक ही पहुंच सका।

सोपा ने सोयाबीन की औसत उपज दर 1002 किलो प्रति हेक्टेयर रहने का अनुमान लगाया है जो पिछले साल के 1084 किलो प्रति हेक्टेयर से कम है। 

सोपा के अनुसार वर्तमान खरीफ सीजन के दौरान सोयाबीन का उत्पादन क्षेत्र मध्य प्रदेश में 52.05 लाख हेक्टेयर, महाराष्ट्र में 45.64 लाख हेक्टेयर।

राजस्थान में 10.95 लाख हेक्टेयर, कर्नाटक में 4.08 लाख हेक्टेयर, गुजरात में 2.66 लाख हेक्टेयर, तेलंगाना में 1.80 लाख हेक्टेयर, छत्तीसगढ़ में 35 हजार हेक्टेयर तथा देश के अन्य राज्यों में 1.02 लाख हेक्टेयर रहा।

इसकी औसत उपज दर मध्य प्रदेश में 1008 किलो प्रति हेक्टेयर, महाराष्ट्र में 1028 किलो तथा राजस्थान में 925 किलो प्रति हेक्टेयर रहने का अनुमान लगाया गया है। सोयाबीन की बिजाई पहले ही समाप्त हो चुकी है और अब फसल की कटाई-तैयारी आरंभ हो गई है।

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2024 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित