iGrain India - इंदौर । सोयाबीन प्रोसेसिंग उद्योग के शीर्ष संगठन- सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिशन ऑफ इंडिया (सोपा) ने राष्ट्रीय स्तर पर इस महत्वपूर्ण तिलहन का उत्पादन 2022-23 सीजन की तुलना में 4.3 प्रतिशत गिरकर 2023-24 के वर्तमान सीजन में 118 लाख टन के करीब रह जाने का अनुमान लगाया है।
सोपा के अनुसार चालू खरीफ सीजन के दौरान मौसम एवं मानसून की हालत फसल के लिए पूरी तरह अनुकूल नहीं रहने से देश के तीनों शीर्ष उत्पादक राज्यों- मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं राजस्थान में सोयाबीन की औसत उत्पादकता दर में कमी आने की संभावना है।
हालांकि पिछले साल के मुकाबले चालू खरीफ सीजन के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर सोयाबीन के बिजाई क्षेत्र में कुछ बढ़ोत्तरी हुई मगर इसकी औसत उपज दर में 7.5 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है।
उत्पादन में गिरावट आने का बाजार भाव पर कुछ सकारात्मक असर पड़ सकता है। उत्पादन की मात्रा की दृष्टि से सोयाबीन खरीफ सीजन की सबसे महत्वपूर्ण तिलहन फसल है।
सोपा के आंकड़ों के अनुसार 2023-24 लाख टन, राजस्थान में 10.12 लाख टन, कर्नाटक में 3.87 लाख टन, गुजरात में 2.49 लाख टन, तेलंगाना में 1.68 लाख टन, छत्तीसगढ़ में 31 हजार टन एवं अन्य राज्यों में 89 हजार टन सहित अखिल भारतीय स्तर पर 118.74 लाख टन हो सकता है जो 2022-23 सीजन के कुल उत्पादन 124.11 लाख टन से 4.3 प्रतिशत कम है।
उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने सोयाबीन का बिजाई क्षेत्र इस बार 125.40 लाख हेक्टेयर पर पहुंचने का आंकड़ा दिया है लेकिन सोपा का मानना है कि वास्तविक क्षेत्रफल 118.55 लाख हेक्टेयर तक ही पहुंच सका।
सोपा ने सोयाबीन की औसत उपज दर 1002 किलो प्रति हेक्टेयर रहने का अनुमान लगाया है जो पिछले साल के 1084 किलो प्रति हेक्टेयर से कम है।
सोपा के अनुसार वर्तमान खरीफ सीजन के दौरान सोयाबीन का उत्पादन क्षेत्र मध्य प्रदेश में 52.05 लाख हेक्टेयर, महाराष्ट्र में 45.64 लाख हेक्टेयर।
राजस्थान में 10.95 लाख हेक्टेयर, कर्नाटक में 4.08 लाख हेक्टेयर, गुजरात में 2.66 लाख हेक्टेयर, तेलंगाना में 1.80 लाख हेक्टेयर, छत्तीसगढ़ में 35 हजार हेक्टेयर तथा देश के अन्य राज्यों में 1.02 लाख हेक्टेयर रहा।
इसकी औसत उपज दर मध्य प्रदेश में 1008 किलो प्रति हेक्टेयर, महाराष्ट्र में 1028 किलो तथा राजस्थान में 925 किलो प्रति हेक्टेयर रहने का अनुमान लगाया गया है। सोयाबीन की बिजाई पहले ही समाप्त हो चुकी है और अब फसल की कटाई-तैयारी आरंभ हो गई है।