iGrain India - तिरुअनन्तपुरम । दक्षिण-पश्चिम मानसून अब देश की मुख्य भूमि से अत्यन्त तेज गति से उत्पादन बढ़ रहा है और इससे रिक्त होने वाले स्थान को भरने के लिए पश्चिमोत्तर भारत के ऊपर पश्चिमी विक्षोभ को सक्रिय होने की संभावना है जिससे वहां हल्की से मध्यम स्तर तक की वर्षा हो सकती है।
उधर दक्षिण प्रायद्वीप के कुछ भागों के ऊपर साइक्लोनिक सर्क्युलेशन तथा एक सहायक ट्रफ की सक्रियता देखी जा रही है जिससे वहां भी वर्षा होने लगी है। समझा जाता है कि दक्षिण भारत में मानसून अभी कुछ और दिनों तक सक्रिय रह सकता है। इसके फलस्वरूप अनेक सूखा ग्रस्त देशों में बारिश होने के आसार हैं।
वैश्विक मौसम मॉडल्स से पता चलता है कि 17 अक्टूबर को सप्ताह होने वाले सप्ताह के दौरान पश्चिमोत्तर क्षेत्र, पश्चिमी आग एवं मध्यवर्ती भारत के कुछ भागों में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा जिससे राजस्थान के कुछ हिस्सों, गुजरात, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा दिल्ली, चंडीगढ़, उत्तराखंड एवं पश्चिमी मध्य प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
उधर दक्षिण भारत के केरल तथा कर्नाटक में भी इसी अवधि के दौरान साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण वर्षा होने की संभावना है। मानसून के प्रस्थान करने की रफ्तार तेज है।
अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के ऊपर बहने वाली हवा की दिशा इसके लिए अनुकूल बनी हुई है। दरअसल शीघ्र ही एक संक्रमण का दौर शुरू होने वाला है जिसके तहत दक्षिण-पश्चिम मानसून का प्रस्थान एवं उत्तर पूर्व मानसून का आगमन होगा।
जून-सितम्बर के चार महीनों तक सक्रिय रहे दक्षिण-पश्चिम मानसून के सीजन की समाप्ति के बाद यानी अक्टूबर के शुरूआती नौ दिनों के दौरान पूर्वी भारत में काफी अच्छी वर्षा हुई जबकि पश्चिमी तट कोंकण, गोवा, तटीय कर्नाटक एवं केरल में भी बारिश हुई। इसी तरह के मौसम का एक पैटर्न अगले दो दिनों के दौरान इन क्षेत्रों में पुनः उत्पन्न होने की संभावना है।
दक्षिण-पश्चिम मानसून अब सम्पूर्ण पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं पूर्वी मध्य प्रदेश, बिहार के कुछ भागों, झारखंड, तेलंगाना एवं उत्तरी आंतरिक कर्नाटक से प्रस्थान कर चुका है। 9 अक्टूबर को यह महाराष्ट्र के अधिकांश भागों से भी विदा हो गया।
अब इसके प्रस्थान का जो मार्ग बना है वह रक्सौल, डाल्टेन गंज, कांकेर, रामायुंग्म, बीजापुर एवं बेनगुली से होकर जाता है। अगले 10 दिनों के दौरान सम्पूर्ण दक्षिणी प्राद्वीप के ऊपर देखा भी दिशा बदलकर उत्तर-पूर्वी हो सकता है। मौसम विभाग ने उत्तर-पूर्व मानसून मानसून सामान्य होने की संभावना व्यक्त की है।