iGrain India - लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में केन्द्र द्वारा घोषित दाल-दलहन की संशोधित भंडारण सीमा (स्टॉक लीमिट) आदेश को सख्ती से लागू करने का प्रयास कर रही है।
इसके लिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए जा चुके हैं जो यह सुनिश्चित करेंगे कि दाल-दलहन की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति सुगम बनी रहे, कीमतों में कोई अप्रत्याशित तेजी न आए और स्टॉक जमा करने की प्रवृत्ति पर अंकुश लग सके।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दाल-दलहनों के व्यापारियों-स्टॉकिस्टों, मिलर्स, बिग चेन रिटेलर्स तथा आयातकों पर नजर रखने के लिए कहा है। जिन लोगों ने अभी तक सरकारी पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है और न ही स्टॉक के विवरण का खुलासा किया है उससे कहा गया है कि वे तत्काल अपना रजिस्ट्रेशन करवाएं अन्यथा उसके दाल-दलहन स्टॉक को गैर क़ानूनी माना जाएगा।
सरकार ने स्पष्ट कहा है कि दाल-दलहन के सभी कारोबारियों को निश्चित पोर्टल पर साप्ताहिक स्टॉक की घोषणा अवश्य करनी चाहिए। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सभी सम्बद्ध पक्षों को कहा गया है कि वे प्रत्येक सप्ताह अपने उपलब्ध स्टॉक की जानकारी सरकारी पोर्टल पर डालें।
उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान समय में दाल-दलहन के 1878 कारोबार सरकारी पोर्टल पर पंजीकृत हो चुके हैं जिन्होंने अभी तक कुल मिलाकर 1,38,442 टन दालों का स्टॉक घोषित किया है। इसमें 24,686 टन अरहर (तुवर), 16378 टन उड़द तथा 39,150 टन मसूर (साबुत एवं दाल) का स्टॉक भी शामिल है।
उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में अलग-अलग संख्या में रजिस्ट्रेशन के पोर्टल उपलब्ध हैं। इसके तहत अम्बेडकर नगर एवं अमरोहा में 4-4, कन्नौज में 5, कासगंज एवं श्रावस्ती में 6-6, फरुखाबाद एवं इटावा से 7-7 तथा अमेठी, मैनपुरी एवं सुल्तानपुर में 9-9 रजिस्ट्रेशन पोर्टल मौजूद है जिस पर कारोबारी अपना पंजीकरण करवा सकते हैं।
त्यौहारी सीजन को देखते हुए राज्य सरकार की सक्रियता बढ़ गई है। मालूम हो कि उत्तर प्रदेश मसूर का एक अग्रणी उत्पादक राज्य है जबकि वहां अन्य दलहन फसलों की भी सीमित पैदावार होती है।