iGrain India - नई दिल्ली । यद्यपि केन्द्र सरकार घरेलू प्रभाग में अरहर (तुवर) एवं इसकी दाल की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने तथा कीमतों को नियंत्रित करने का हर संभव प्रयास कर रही है लेकिन यह सफल होता नहीं दिख रहा है।
हाल ही में सरकार ने स्टॉकिस्टों, दाल मिलर्स तथा बिग चेन रिटेलर्स के लिए स्टॉक धारिता सीमा में 75 प्रतिशत की भारी कटौती कर दी है मगर इसका भी बाजार पर कोई सकारात्मक असर नहीं पड़ रहा है।
कुछ क्षेत्रों में तुवर दाल का खुदरा बाजार भाव बढ़कर अब 200 रुपए प्रति किलो या इससे भी ऊपर पहुंच गया है। ध्यान देने की बात है कि पिछले कुछ दिनों के दौरान तुवर के दाम में थोड़ी नरमी आई है जिससे इसकी दाल का भाव मंदा पड़ सकता है।
तुवर दाल के साथ-साथ अन्य प्रमुख किस्मों की दालों का भाव भी ऊंचा एवं तेज चल रहा है। खुदरा बाजार में तेजी ज्यादा देखी जा रही है जिससे आम उपभक्ताओं के साथ-साथ सरकार की चिंता भी बढ़ गई है।
व्यापार विश्लेषकों का कहना है कि थोक मंडियों में अरहर की सीमित आवक हो रही है और इसका स्टॉक भी कम बचा हुआ है। विदेशों से पर्याप्त मात्रा में इसका आयात नहीं हो रहा है जबकि आयात खर्च ऊंचा बैठ रहा है।
अरहर की नई घरेलू फसल दिसम्बर से पहले नहीं आएगी और उसकी हालत भी उत्साहवर्धक नहीं है। दूसरी ओर तुवर दाल में अच्छी मांग निकल रही है जिससे कीमतों में तेजी का माहौल बना हुआ है।
उल्लेखनीय है कि चालू वर्ष के दौरान तुवर एवं इसकी दाल के दाम में नियमित रूप से इजाफा होता रहा है। उपभोक्ता मामले विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि 1 जनवरी 2023 को राष्ट्रीय स्तर पर तुवर दाल का औसत खुदरा मूल्य 110.45 रुपए प्रति किलो था जो अब बढ़कर 150.46 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया है। इस तरह इसमें 36 प्रतिशत की जोरदार बढ़ोत्तरी हो चुकी है।
पिछले एक महीने के दौरान इसके खुदरा मूल्य में भारी वृद्धि हुई है। देश के विभिन्न भागों में तुवर दाल का खुदरा भाव 150 से 205 रुपए प्रति किलो के बीच चल रहा है।
समीक्षाधीन अवधि के दौरान इसका दाम दिल्ली में 165 रुपए से बढ़कर 177 रुपए, मध्य प्रदेश में 146.41 रुपए से सुधरकर 152.91 रुपए प्रति किलो, महाराष्ट्र में 162.84 रुपए से बढ़कर 169.84 रुपए प्रति किलो तथा उत्तर प्रदेश में 140.91 रुपए सुधरकर 146.69 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया। कर्नाटक में भी भाव तेज है।