iGrain India - कुआलालम्पुर । मलेशिया पाम ऑयल बोर्ड (एम्पोब) ने वर्ष 2024 के दौरान क्रूड पाम तेल (सीपीओ) का घरेलू उत्पादन 185-188 लाख टन के बीच होने का अनुमान लगाया है जबकि अक्टूबर-दिसम्बर 2023 की तिमाही के दौरान इसका भाव 3500 से 4000 रिंगिट प्रति टन के मध्य रहने की संभावना व्यक्त की है।
बोर्ड के अनुसार वर्ष 2022 के मुकाबले 2023 में पाम तेल की पैकिंग मांग करीब 7 प्रतिशत बढ़ सकती है जबकि चालू वर्ष की तुलना में अगले साल सीपीओ का भाव कुछ ऊंचा रह सकता है।
बोर्ड का कहना है कि चालू वर्ष के दौरान मलेशिया में करीब 185 लाख टन पाम तेल का उत्पादन होगा। पहले अल नीनो के प्रकोप का खतरा था लेकिन बोर्ड का मानना है कि इससे उत्पादन पर असर नहीं पड़ेगा और इसलिए अगले साल का उत्पादन कुछ बेहतर होगा।
एम्पोब के महानिदेशक का कहना है कि अल नीनो के वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए लगता है कि वर्ष 2024 में मलेशियाई पाम तेल के उत्पादन पर इसका कोई गंभीर प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा और इसलिए 185 -188 लाख टन सीपीओ के उत्पादन का अनुमान लगाना उपयुक्त प्रतीत होता है।
चालू वर्ष की दूसरी छमाही के दौरान पाम बागानों एवं क्रशिंग- प्रोसेसिंग इकाइयों में श्रमिकों की उपलब्धता बढ़ने से पाम तेल के उत्पादन में सुधार आने के आसार हैं।
वर्ष 2023 में आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति बेहतर होने से सीपीओ का भाव गिरकर 3800-4000 रिंगिट प्रति टन (802-845 डॉलर प्रति टन) पर आ गया जबकि पिछले साल यह 5087 रिंगिट प्रति टन पर पहुंच गया था।
इसका दाम अब स्थिर होने लगा है और इसलिए वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में यह 3500 से 4000 रिंगिट प्रति टन के बीच रह सकता है। सोया तेल के कमजोर भाव पाम तेल के उत्पादन एवं स्टॉक में इजाफा तथा आर्थिक मंडी के खतरे के प्रति बढ़ती चिंता जैसे कारकों की वजह से वैश्विक खाद्य तेल-तिलहन बाजार पर दबाव देखा जा रहा है।
भारत में पाम तेल के आयात की गति तेज रह सकती है क्योंकि एक तो वह प्रतिस्पर्धी मूल्य स्तर पर उपलब्ध हो रहा है और दूसरे, वहां अभी त्यौहारी सीजन जारी है। जुलाई-अगस्त में भारत ने विशाल मात्रा में पाम तेल मंगाया था।