iGrain India - नई दिल्ली । सर्वोच्च- न्यायालय में जीएम सरसों के कमर्शियल रिलीज पर एक, मौरेटोरियम के लिए अगली सुनवाई 21 नवंबर को होने की संभावना है। इस पर मंगलवार यानी 10 अक्टूबर को सुनवाई होनी थी लेकिन बाद में इसे सुनवाई की सूची से बाहर कर दिया गया।
न्यायाधीश ने मौखिक रूप से कोर्ट में अगली सुनवाई की तिथि का संकेत दिया। कृषि वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों ने आशंका जाहिर की है कि मामले की सुनवाई में अनपेक्षित देरी होने से जीएम सरसों की एक विकसित प्रजाति डीएमएच-11 का फील्ड परीक्षण जारी रखना मुश्किल हो जाएगा।
सरसों की बिजाई जल्दी ही शुरू होने वाली है जबकि भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद (आईसीएआर) के सुपरविजन (देखरेख) में जीएम सरसों के फील्ड परीक्षण की प्रक्रिया जल्दी शुरू होनी चाहिए थी।
अब 21 नवम्बर को न्यायालय में सुनवाई होगी और अभी यह निश्चित नहीं हुआ है कि अदालत उसी दिन कोई निर्णय सुना देगी। जीएम सरसों पर मामला लम्बे अरसे से चल रहा है।
दरअसल उत्तरी भारत के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में जीएम सरसों की हाईब्रिड प्रजाति की बिजाई का आदर्श समय नवम्बर के प्रथम सप्ताह तक ही रहता है। वैसे भी हाईब्रिड किस्म की खेती जितनी जल्दी आरंभ हो जाती है उतना ही अच्छा माना जाता है।
सरसों रबी सीजन की मुख्य तिलहन फसल है और आदर्श समय के बाद बिजाई होने पर अपेक्षित उपज दर प्राप्त नहीं हो सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसा प्रतीत होता है कि यदि इस वर्ष आधिकारिक रूप से फील्ड परीक्षण नहीं हुआ तो पिछले साल तथा अगले वर्ष के परीक्षण में एक साल का अंतर हो जाएगा और फिर कोर्ट में इसका रिजल्ट (आंकड़ा) प्रस्तुत नहीं किया जा सकेगा। इससे मामला लम्बा खिंच सकता है।