iGrain India - जीरा कीमतों में अधिक मंदा नहीं
नई दिल्ली । चालू सप्ताह के दौरान जीरा कीमतों में मिला जुला व्यापार रहा। सप्ताह के शुरू में भाव मंद के साथ बोले जाने के पश्चात सप्ताह अंत में कीमतों में सुधार रहा। कुल मिलाकर भाव बढ़ने के पश्चात भी भाव गत सप्ताह की तुलना में मंदे के साथ बोले गए। जानकार सुत्रों का कहना है कि जीरे की वर्तमान कीमतों में हाल-फिलहाल मंदे की संभावना नहीं है। क्योंकि उत्पादक केन्द्रों पर स्टॉक की कमी है। लेकिन अधिक तेजी के चांस भी नहीं है। क्योंकि बाजार में निर्यातक मांग नहीं है। अगर आगामी दिनों में निर्यातक मांग निकलती है तो कीमतों में अवश्य ही सुधार होगा। अन्यथा बाजार सीमित दायरे में ही घूमते रहेंगे।
कीमतों में गिरावट
चालू सप्ताह के दौरान लोकल एवं निर्यातक मांग का अभाव बना रहने के अलावा निर्यातक मांग भी न होने से वायदा एवं हाजिर बाजारों में सप्ताह के शुरू में जीरा कीमतों में 20/25 रुपए प्रति किलो की गिरावट दर्ज की गई थी जोकि सप्ताह के अंत में भाव 10/15 रुपए सुधर गए। प्रमुख ऊंझा में जीरे का भाव क्वालिटीनुसार 485/580 रुपए से घटकर 475/565 रुपए पर बोले गए। दिल्ली बाजार में भी डबल दीपक जीरे के भाव 615 रुपए से नरमी के साथ 605 रुपए पर बोला गया। कमजोर उठाव के कारण गोड़ल, जूनागढ़, राजकोट में भी चालू सप्ताह के दौरान जीरे की कीमतें मंदी रही। हालांकि राजस्थान की मंडियों में दलहनों की आवक बढ़ने के कारण जीरे की आवक कम रही। नौखा, नागौर, मेड़तासिटी में जीरा आवक 100/200 बोरी की रही मगर मांग का अभाव बना रहने के कारण भाव 10/20 रुपए मंदे के साथ बोले गए।
रि-एक्सपोर्ट नहीं
सूत्रों का कहना है कि गत दिनों आयातकों द्वारा आयात किए गए जीरे का हाल-फिलहाल रि-एक्सपोर्ट न किए जाने के कारण कीमतों पर मंदे का असर पड़ा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार आयातित जीरा का रि-एक्सपोर्ट आयातक नई फसल आने के पश्चात करेंगे। जिस कारण से कीमतों में अधिक तेजी संभव नहीं है। हालांकि वर्तमान भावों में एक बार बाजार बढ़ सकते है लेकिन अधिक नहीं है। हालांकि उत्पादक केन्द्रों पर वर्तमान में जीरे का स्टॉक काफी कम रह गया है और नई फसल आने में अभी लगभग 3 माह का समय शेष है। दिसम्बर माह के शार्टेज की तेजी बाजारों में एक बार बनने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
बिजाई
सूत्रों का मानना है कि चालू माह के अंत तक प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात में जीरे की बिजाई बना कार्य शुरू हो जाएगा। जबकि राजस्थान में बिजाई नवम्बर माह में शुरू होगी। चालू सीजन के दौरान जीरे की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी आने के कारण उत्पादकों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिला है। जिस कारण से आगामी सीजन के लिए उत्पादक राज्यों में जीरे की बिजाई अवश्य ही बढ़ेगी। सूत्रों का मानना है कि गुजरात में बिजाई डबल होने के अनुमान है जबकि राजस्थान में बिजाई ज्यादा होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। गत वर्ष देश में जीरे की बिजाई का क्षेत्रफल 7.73 लाख हेक्टेयर का रहा था। गत वर्ष गुजरात में जीरे की बिजाई 2.60 लाख हेक्टेयर एवं राजस्थान में 5.13 लाख हेक्टेयर पर बिजाई की गई थी।
निर्यात
भाव अधिक होने के कारण जीरे का निर्यात प्रभावित हुआ है। हालांकि चालू सीजन के प्रथम तीन माह अप्रैल-जून के दौरान जीरे के निर्यात में वृद्धि दर्ज की गई थी लेकिन अधिक कीमतों के कारण जुलाई में निर्यात घट गया। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार प्रथम चार माह अप्रैल-जुलाई के दौरान जीरे का निर्यात 61697.44 टन का हुआ है जबकि गत वर्ष इसी समयावधि में निर्यात 67057.17 टन का किया गया था। वर्ष 2022-23 अप्रैल-मार्च के दौरान जीरे का कुल निर्यात 186508 टन का रहा था।