iGrain India - नई दिल्ली । सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि अगस्त की तुलना में सितम्बर के दौरान यद्यपि धान की महंगाई दर में कुछ कमी आई लेकिन मोटे अनाज, गेहूं, दलहन एवं तिलहन संवर्ग में महंगाई की दर में इजाफा हो गया।
ध्यान देने की बात है कि तिलहनों में महंगाई की दर अप्रैल 2023 से ही ऋणात्मक बनी हुई है। यह ऋणात्मक परिधि में अप्रैल में 15.58 प्रतिशत, मई में 15.6 प्रतिशत, जून में 14.39 प्रतिशत, जुलाई में 975 प्रतिशत एवं अगस्त में 9.41 प्रतिशत थी जबकि सितम्बर में 5.25 प्रतिशत रह गई। इसका मतलब यह हुआ कि तिलहनों के दाम में पहले तेज गिरावट देखी जा रही थी मगर सितम्बर में इसकी तीव्रता घट गई।
अगस्त की तुलना में सितम्बर के दौरान मोटे अनाजों में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई की दर 7.25 प्रतिशत से सुधरकर 7.28 प्रतिशत, गेहूं में 5.81 प्रतिशत से बढ़कर 6.33 प्रतिशत तथा दलहनों में महंगाई दर 10.45 प्रतिशत से उछलकर 17.69 प्रतिशत पर पहुंच गई जबकि धान में महंगाई दर 9.18 प्रतिशत से गिरकर 8.97 प्रतिशत पर आ गई।
दाल-दलहन की कीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी होती रही। इसमें महंगाई की दर अप्रैल में 5.67 प्रतिशत तथा मई में 5.82 प्रतिशत रही थी जो जून में बढ़कर 9.21 प्रतिशत तथा जुलाई में सुधरकर 9.59 प्रतिशत हो गई। अगस्त में पहली बार यह दो अंकों में प्रवेश करके 10.45 प्रतिशत पर पहुंची थी जो सितम्बर में उछलकर 17.69 प्रतिशत पर पहुंच गई।
जहां तक गेहूं का सवाल है तो इसके दाम में उतार-चढ़ाव बना रहा। जून में यह 9.02 प्रतिशत उछला था लेकिन सरकारी स्टॉक से बिक्री आरंभ होने के कारण इसमें महंगाई दर घटकर जुलाई में 7.78 प्रतिशत तथा अगस्त में गिरकर 5.81 प्रतिशत रह गई। सितम्बर में इसमें कुछ वृद्धि हो गई।