iGrain India - ब्रिसबेन । ऑस्ट्रेलिया में कृषि क्षेत्र के दो महत्वपूर्ण संगठन के विलय की प्रक्रिया पूरी हो गई है। इसके तहत पल्स ऑस्ट्रेलिया की तमाम प्रमुख गतिविधियों का ग्रेंस ऑस्ट्रेलिया में विलय हो गया है।
इसके साथ ही यह निश्चित हो गया है कि पल्स ऑस्ट्रेलिया के अब तक जो कार्य सहायक थे अब उसका संचालन ग्रेन्स ऑस्ट्रेलिया द्वारा किया जाएगा। इसमें दलहन विकास के तकनीकी क्रिया कलाप, व्यापार एवं बाजार पहुंच दलहनों की विभिन्न किस्तों एवं श्रेणियों का वर्गीकरण तथा बाजार का अध्ययन- विश्लेषण आदि शामिल है।
ऑस्ट्रेलियाई दलहन उद्योग की ओर से पल्स ऑस्ट्रेलिया द्वारा जो शिक्षण-प्रशिक्षण का कार्यक्रम संचालित होता था वह अब ग्रेन्स ऑस्ट्रेलिया की जवाबदेही होगी।
जीआरडीसी के एक प्रयास के तहत होने वाले इस विलय के बाद ग्रेन्स ऑस्ट्रेलिया को तमाम प्रमुख औद्योगिक सेवाओं एवं गतिविधियों का दायित्व निभाना होगा। उद्योग की प्रतिस्पर्धी क्षमता एवं लाभ प्रदत्त की स्थिति सुधारने में सहायक साबित होने वाली योजनाओं और नीतियों का निर्माण भी ग्रेन्स ऑस्ट्रेलिया को ही करना पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि ऑस्ट्रेलिया में मसूर, मटर. देसी चना, फाबा बीन्स, ल्यूपिन तथा मूंग जैसे दलहनों का उत्पादन होता है। घरेलू खपत कम होने से इन दलहनों का विदेशों में बड़े पैमाने पर निर्यात किया जाता है।
ऑस्ट्रेलिया से अब भारत को मसूर का सर्वाधिक निर्यात किया जाता है जबकि देसी चना का अधिकांश शिपमेंट बांग्ला देश एवं पाकिस्तान को होता है।
इसके अलावा चीन, श्रीलंका, नेपाल, तुर्की तथा संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) सहित कई अन्य देशों को भी ऑस्ट्रेलियाई दलहनों का निर्यात होता है। पल्स ऑस्ट्रेलिया वहां दाल-दलहन उद्योग एवं व्यापार क्षेत्र का शीर्ष संगठन माना जाता है।
ऑस्ट्रेलियाई दलहनों के उत्पादन एवं निर्यात संर्वधन में इस संगठन का पिछले करीब तीन दशकों से अत्यन्त महत्वपूर्ण योगदान रहा है। अब इसका कार्य कलाप ग्रेन्स ऑस्ट्रेलिया में समाहित हो गया है।