iGrain India - इडुक्की । केरल के प्रमुख उत्पादक इलाकों में छोटी (हरी) इलायची की तुड़ाई-तैयारी की गति बढ़ने लगी है और महत्वपूर्ण नीलामी केन्द्रों में इसकी अच्छी आवक भी हो रही है।
दूसरी ओर त्यौहारी मांग एवं जरूरत को पूरा करने के लिए दिसावरी व्यापारी इन नीलामी केन्द्रों में इसकी लिवाली करने में सक्रियता दिखा रहे हैं। मांग एवं आपूर्ति के समीकरण के आधार पर इलायची के दाम में कुछ उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है।
आपूर्ति का प्रेशर इसकी लिवाली पर हावी हो गया लगता है इसलिए कीमतों में ज्यादा तेजी नहीं आ रही है। समझा जाता है कि उत्तरी एवं पश्चिमी राज्यों के खपत केन्द्रों पर अभी छोटी इलायची का पुराना स्टॉक बचा हुआ है इसलिए खरीदार नए माल की खरीद में ज्यादा जल्दबाजी नहीं दिखाना चाहते हैं।
दक्षिणी राज्यों में रुक-रुक कर बारिश होने के समाचार मिल रहे हैं। इससे हरी इलायची की फसल को कुछ फायदा हो सकता है। दाना बनने की प्रक्रिय तो शायद जारी नहीं रहेगी लेकिन इसके पुष्ट होने पर क्वालिटी बेहतर आ सकती है।
पिछले सप्ताह उत्पादक क्षेत्रों में माल की अच्छी आवक होने तथा कारोबार सामान्य से कम होने के कारण इलायची के दाम में थोड़ी नरमी आ गई। इसके फलस्वरूप राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के किराना मार्केट में भी इसका भाव 75 से 100 रुपए प्रति किलो तक घट गया।
केरल तथा तमिलनाडु जैसे शीर्ष उत्पादक प्रांतों में मानसून सीजन के दौरान तथा मानसून से पूर्व ग्रीष्मकाल (मार्च-मई) में बारिश का अभाव होने से इलायची की फसल आंशिक रूप से प्रभावित हुई थी।
इसके फलस्वरूप उत्पादन में गिरावट आने की आशंका बनी हुई है। इस बार दाने की तुड़ाई-तैयारी भी देर से शुरू हुई। अच्छी क्वालिटी के बोल्ड दाने वाले माल का स्टॉक कम बताया जा रहा है इसलिए देर-सवेर इसके दाम में कुछ तेजी आने की उम्मीद की जा सकती है।