iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने 2022-23 के मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) में 60 लाख टन चीनी का निर्यात कोटा जारी करके 31 मई 2023 तक इसका शिपमेंट पूरा करने का निर्देश उद्योग को दिया था और जून में निर्यात रोक दिया।
ऐसा लगता है कि चीनी के निर्यात पर अभी यह रोक 2023-24 के मौजूदा सीजन में भी जारी रहेगी क्योंकि एक बार फिर इसके घरेलू उत्पादन में गिरावट आने की संभावना है।
एथनॉल निर्माण में चीनी की खपत बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। अभी पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव की प्रक्रिया जारी है जबकि अगले साल लोकसभा का चुनाव होने वाला है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार विदेश व्यापार महानिदेशक चालू सप्ताह के दौरान चीनी निर्यात नीति की अधिसूचना जारी करेंगे क्योंकि पिछली अधिसूचना की वैधता का समय 31 अक्टूबर को समाप्त होने वाला है।
उम्मीद की जा रही है कि पिछली नीति को ही आगे बरकरार रखा जाएगा जबकि इस बार इसमें दो परिवर्तन किए जाने की संभावना है। एक तो निर्यात पर रोक के लिए कोई अंतिम समय सीमा नियत नहीं होगी और दूसरे, आर्गेनिक चीनी को भी निर्यात प्रतिबंध के दायरे में शामिल किया जाएगा। दरअसल इस तरह की शिकायत मिलती रही है कि आर्गेनिक चीनी के नाम पर सामान्य चीनी का निर्यात हो रहा था।
सरकार को लगता है कि 2023-24 के मार्केटिंग सीजन में चीनी का घरेलू उत्पादन इतना अधिशेष नहीं होगा कि उसके निर्यात की अनुमति दी जा सके।
दिलचस्प तथ्य यह है कि चीनी का घरेलू बाजार भाव पिछले कुछ महीनों से ऊंचा एवं तेज चल रहा है जबकि सरकार प्रत्येक माह इसका भारी-भरकम फ्री सेल (NS:SAIL) कोटा जारी कर रही है। यह काफी चिंता का विषय बना हुआ है।
पहले त्यौहारी सीजन में 23-24 लाख टन चीनी का कोटा पर्याप्त होता था मगर अब 28 लाख टन का विशाल कोटा भी बाजर भाव पर दबाव डालने में असफल साबित हो रहा है।