iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक लगातार घटता जा रहा है जबकि इसकी नई फसल आने में छह माह का समय बाकी है। कहीं-कहीं इसकी बिजाई आरंभ हो गई है।
गेहूं का थोक मंडी भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से ऊपर चल रहा है जिससे किसानों को इसका रकबा बढ़ाने का अच्छा प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है। वैसे महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों में गेहूं के बिजाई क्षेत्र में कमी आने की आशंका है क्योंकि वहां पानी का अभाव है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार केन्द्रीय पूल में 1 अक्टूबर 2023 को 239.95 लाख टन गेहूं का स्टॉक मौजूद था जो सितम्बर के आरंभ में 260.37 लाख टन, अगस्त की शुरुआत में 280.39 लाख टन तथा 1 जुलाई 2023 को 301.45 लाख टन रहा था।
इस वर्ष केन्द्रीय पूल में गेहूं का सर्वाधिक स्टॉक 1 जून को 313.88 लाख टन पर पहुंचा था जबकि सबसे कम 88.45 लाख टन का स्टॉक 1 अप्रैल को दर्ज किया गया था। इसके बाद खरीदारी शुरू होने पर मई के आरंभ में स्टॉक 290.28 लाख टन पर पहुंचा था।
जनवरी 2023 में 171.70 लाख टन, फरवरी में 154.44 लाख टन एवं मार्च में 116.70 लाख टन गेहूं का स्टॉक उपलब्ध था।
अक्टूबर 2022 के आरंभ में 227.46 लाख टन गेहूं का भंडार था जबकि सितम्बर में इसकी मात्रा 248.22 लाख टन दर्ज की गई थी। मालूम हो कि 2022 के रबी सीजन में गेहूं की सरकारी खरीद 188 लाख टन के करीब ही पहुंची थी जबकि 2023 के सीजन में यह 262 लाख टन पर पहुंच गई लेकिन फिर भी 343 लाख टन के नियत लक्ष्य से काफी पीछे रह गई।
सरकार ने 10 से अधिक राज्यों में पीडीएस के तहत गेहूं का कोटा घटाकर चावल का कोटा बढ़ा दिया इसलिए इसका उठाव धीमा पड़ गया। लेकिन अब खुले बाजार बिक्री योजना के तहत इसे बड़े पैमाने पर बेचा जा रहा है। इससे स्टॉक में गिरावट का सिलसिला जारी रहेगा।