iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार द्वारा 2023-24 के मार्केटिंग सीजन हेतु सामान्य श्रेणी के साथ-साथ ऑर्गेनिक चीनी के निर्यात पर भी रोक लगाए जाने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि जून 2023 से ही देश से कच्ची, सफेद एवं रिफाइंड चीनी का निर्यात बंद है लेकिन ऑर्गेनिक चीनी के शिपमेंट पर रोक नहीं लगाई गई है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार ऑर्गेनिक चीनी का निर्यात उछलकर नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने से सरकार को कुछ संदेह हो रहा है।
वर्तमान समय में कच्ची चीनी, सफेद चीनी एवं रिफाइंड चीनी के निर्यात पर 31 अक्टूबर 2023 तक के लिए प्रतिबंध लगा हुआ है। सरकार द्वारा इसकी अवधि को आगे बढ़ाए जाने की संभावना है और विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की ओर से इस आशय की अधिसूचना कभी भी जारी हो सकती है।
चीनी का घरेलू उत्पादन एक बार फिर घटने की संभावना है जबकि घरेलू मांग एवं खपत में कुछ वृद्धि होने का अनुमान है। इस बार प्रतिबंधित चीनी की श्रेणी में ऑर्गेनिक चीनी को भी शामिल किया जा सकता है।
इस बार दक्षिण-पश्चिम मानसून पिछले पांच साल में सबसे कमजोर रहा और गन्ना की फसल पर इसका गंभीर प्रतिकूल असर पड़ने के संकेत मिल रहे हैं।
महाराष्ट्र एवं कर्नाटक जैसे अग्रणी चीनी उत्पादक राज्यों में गन्ना की फसल उत्साहवर्धक स्थिति में नहीं है इसलिए सरकार चीनी का निर्यात खोलने से हिचक रही है।
आमतौर पर देश से 20-25 हजार टन ऑर्गेनिक चीनी का निर्यात होता है मगर 2022-23 के सीजन में इसका कुल शिपमेंट उछलकर 50 हजार टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। इससे सरकार को आशंका है कि अन्य किस्मों की चीनी का निर्यात भी ऑर्गेनिक चीनी के नाम पर किया जा रहा है।
हालांकि चीनी का खुदरा बाजार भाव काफी हद तक एक निश्चित सीमा में स्थिर बना हुआ है लेकिन जल्दी ही इसमें कुछ तेजी आने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है क्योंकि इसका एक्स-फैक्ट्री भाव तथा थोक बाजार मूल्य ऊंचा और तेज चल रहा है।
2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन के दौरान देश में 310 लाख टन चीनी के उत्पादन एवं 270-275 लाख टन के घरेलू उपयोग का अनुमान लगाया जा रहा है।