iGrain India - MSP बढाए जाने का क्या होगा असर
★ आज गेहूं की MSP 150 रुपए बढ़ाकर 2275 रुपए प्रति क्विंटल की गयी, बीते सीजन में MSP 110 रुपए बढ़ाकर 2125 की गयी थी।
★ बाजरा की MSP 115 रुपए बढ़ाकर 1850 की गयी।
★ चना की MSP 105 बढाकर 5440 रुपए प्रति क्विंटल की गयी, रबी 2023 में चना MSP 5335 रुपए प्रति क्विंटल थी। गत वर्ष भी चना की MSP 105 रुपए बढ़ाई गयी थी।
★ मसूर की MSP 425 रुपए बढ़ाकर 6425 रुपए प्रति क्विंटल की गयी, गत सीजन में 500 रुपए बढ़ाकर 6000 रुपए की गयी यानि इन दो सीजन में मसूर की MSP 925 रुपए तक बढ़ी।
★ सरसों की MSP 200 बढ़ाकर 5450 रुपए की गयी, गत सीजन में चना की MSP 400 रुपए बढ़ाई गयी थी।
★ सेफ्लावर की MSP 150 बढ़कर 5800 रुपए की गयी।
★ जानकारी के लिए बता दें कि गेहूं की MSP में 150 रुपए की वृद्धि अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि है।
★ जिससे साफ़ संकेत मिलते हैं कि सरकार चाहती है कि गेहूं उत्पादन बढ़े जोकि स्वभाविक था।
★ पिछले 2 सीजन से गेहूं उत्पादन कमजोर पड़ने से गेहूं का स्टॉक घटा व सरकार की चिंता बढ़ी।
★ मौजूदा भावों को देख साफ ज़ाहिर था कि किसान गेहूं की बिजाई बढ़ाएंगे साथ ही MSP बढ़ाए जाने से किसानों को और प्रोत्साहन मिलेगा।
★ इस वर्ष भारत में गेहूं बिजाई रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने की सम्भावना, अगर औसम ने साथ दिया तो उत्पादन भी रिकॉर्ड हो सकता है (फ़िलहाल उत्पादन के बारे में कहना उचित नहीं)।
★ अभी हाल ही में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश के इलाकों में हुई बारिश से बिजाई के दौरान गेहूं फसल को मिलेगा पूरा लाभ जमीन में नमी की मात्रा अच्छी। उपरोक्त राज्यों में बिजाई बढ़ने की सम्भावन।
★ राजस्थान के जिन क्षेत्रों में बारिश न हुई वहां चना बिजाई बढ़ सकती है।
★ राजस्थान में किसान अस्रसों की जगह गेहूं फसल को दे सकते हैं प्राथमिकता।
★ मध्य प्रदेश में हुई बारिश से किसानों का रुझान गेहूं की तरफ बढ़ेगा क्योंकि चना व सरसों के भाव बीते सीजन में बेहद कमजोर थे।
★ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी किसान सरसों की जगह गेहूं को प्राथमिकता दे सकते हैं।
★ गुजरात में इस वर्ष अनाजों की जगह किसनों का रुझान मसालों की तरफ अधिक रह सकता है। पिछले कई महीनों से धनिया व जीरा के भावों ने सभी रिकॉर्ड तोड़े थे। जिन क्षेत्रों में मसाला फसल नहीं होती वहां किसान गेहूं और चना का एरिया बढ़ा सकते हैं।
★ मध्य प्रदेश व कर्नाटक में बारिश का प्रदर्शन रहा बेहद खराब।
★ किसान अन्य फसलों की जगह चना को दे सकते हैं प्राथमिकता क्योंकि चना को पानी की आवश्यकता कम रहती है।
★ मौजूदा भावों को देख मसूर के किसान बिजाई बढ़ा सकते हैं।
★ पिछले दो सीजन में मसूर की MSP में अब तक की सबसे बड़ी बढ़ोत्तरी देखी गयी जिससे साफ़ संकेत हैं कि सरकार आयत आत्मनिर्भरता घटाना चाहती है।
★ राजस्थान में जौ का एरिया भी बढ़ने की उम्मीद।
★ सरकार जरुर चाहेगी इस वर्ष देश में गेहूं व सरसों का रिकॉर्ड उत्पादन हो ताकि चुनावी सीजन के दौरान उपलब्धता कमजोर न पड़ जाये।