iGrain India - नई दिल्ली । सरकारी एजेंसी- कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल की तुलना में चालू वित्त वर्ष के शुरुआती पांच महीनों के दौरान देश से मूंगफली के निर्यात में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई मगर ग्वार गम का निर्यात प्रदर्शन कुछ कमजोर रहा।
एपीडा के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल- अगस्त 2022 के दौरान देश से 1.78 लाख टन मूंगफली का निर्यात हुआ था जिससे 22.40 करोड़ डॉलर की आमदनी हुई थी।
इसके मुकाबले अप्रैल-अगस्त 2023 के दौरान मूंगफली की निर्यात मात्रा बढ़कर 2.35 लाख टन तथा निर्यात आय 42.43 प्रतिशत उछलकर 31.81 करोड़ डॉलर पर पहुंच गई। घरेलू बाजार भाव ऊंचा रहने से मूंगफली के फ्री ऑन बोर्ड औसत इकाई निर्यात ऑफर मूल्य भी ऊंचा हो गया।
जहां तक ग्वार गम का सवाल है तो इसका निर्यात अप्रैल-अगस्त 2022 के 1.91 लाख टन से 10 हजार टन घटकर अप्रैल-अगस्त 2023 में 1.81 लाख टन पर अटक गया। इसी तरह इसकी निर्यात आय भी समीक्षाधीन अवधि में 29.70 करोड़ डॉलर से 28.63 प्रतिशत गिरकर 21.20 करोड़ डॉलर रह गई।
भारत दुनिया में ग्वार का सबसे प्रमुख उत्पादक एवं ग्वार गम का सबसे बड़ा निर्यातक देश है। भारत में 70 प्रतिशत से अधिक ग्वार का उत्पादन अकेले राजस्थान में होता है और शेष उत्पादन हरियाणा एवं गुजरात में होता है। ग्वार खरीफ कालीन फसल है। इसके नए माल की आवक पहले ही शुरू हो चुकी है। राजस्थान में उत्पादन सामान्य होने के आसार हैं।
मूंगफली के उत्पादन में गुजरात पहले नम्बर पर है। वहां भी इसकी खरीफ कालीन फसल की आवक आरंभ हो गई है। राज्य सरकार ने मूंगफली का उत्पादन करीब 40 लाख टन होने का अनुमान लगाया है। नए माल की जोरदार आवक होने पर भाव कुछ पड़ सकता है।