iGrain India - कोल्हापुर । महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की अगुवाई में मंडियों के एक पैनल ने राज्य में 1 नवम्बर 2023 से गन्ना की क्रशिंग आरंभ करने पर सहमति प्रदान कर दी है।
पैनल की बैठक के दौरान राज्य के चीनी आयुक्त ने पिछले क्रशिंग सीजन बिजाई क्षेत्र एवं फसल की वर्तमान स्थिति तथा आगामी क्रशिंग सीजन के लिए अनुमान आदि के बारे में विस्तार से विवरण प्रस्तुत किया।
आमतौर पर महाराष्ट्र में 15 अक्टूबर के बाद गन्ना की क्रशिंग होती रही लेकिन इस बार हालत ठीक नहीं है। प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में वर्षा का अभाव होने से गन्ना के उत्पादन में भारी गिरावट आने की आशंका है।
वर्षा की कमी से फसल के विकास में बाधा पड़ी और उसे मैच्योर होने में ज्यादा समय लग रहा है। इस बार गन्ना का बिजाई क्षेत्र तो 14.05 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा मगर राज्य में चीनी का उत्पादन घटकर 88.85 लाख टन पर सिमट जाने का अनुमान है।
इससे संकेत मिलता है कि वहां चीनी उत्पादन के लिए काफी कम मात्रा में गन्ना का स्टॉक उपलब्ध होगा। इससे संकेत मिलता है कि वहां चीनी उत्पादन के लिए काफी कम मात्रा में गन्ना का स्टॉक उपलब्ध होगा। 2022-23 सीजन के दौरान महाराष्ट्र में 211 मिलों में गन्ना की क्रशिंग हुई थी और वहां 105 लाख टन से कुछ अधिक चीनी का निर्माण हुआ था।
उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार केन्द्र सरकार को घरेलू प्रभाग में 2023-24 सीजन के दौरान चीनी की मांग एवं आपूर्ति के बीच बेहतर संतुलन बनाने के लिए अतिरिक्त प्रयास करना होगा।
वर्तमान सीजन के दौरान चीनी का घरेलू उत्पादन 300 लाख टन से भी कम होने की संभावना है लेकिन उद्योग के पास इसका बकाया अधिशेष स्टॉक 50 लाख टन से ज्यादा है इसलिए इसकी कुल उपलब्धता घरेलू मांग एवं जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त होगी।
चीनी के निर्यात पर रोक की अवधि पहले ही अगले आदेश तक के लिए बढ़ाई जा चुकी है।
महाराष्ट्र के अलावा कर्नाटक एवं तमिलनाडु में भी चीनी का उत्पादन घटने की प्रबल संभावना है जबकि उत्तर प्रदेश में उत्पादन बेहतर होने के आसार हैं क्योंकि वहां गन्ना के बिजाई क्षेत्र में वृद्धि होने के साथ-साथ मौसम एवं मानसून भी काफी हद तक अनुकूल रहा है।