💎 आज के बाजार में सबसे स्वस्थ कंपनियों को देखेंशुरू करें

गेहूं के समर्थन मूल्य में 150 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि से घरेलू बाजार भाव रहेगा ऊंचा

प्रकाशित 20/10/2023, 01:34 pm
गेहूं के समर्थन मूल्य में 150 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि से घरेलू बाजार भाव रहेगा ऊंचा

iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार द्वारा आमतौर पर गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में पिछले एक दशक के दौरान अधिकतम 105-110 रुपए प्रति क्विंटल की वार्षिक बढ़ोत्तरी की जा रही थी लेकिन इस बार सीधे 150 रुपए प्रति क्विंटल का भारी इजाफा कर दिया गया।

इसके फलस्वरूप गेहूं का एमएसपी 2022-23 सीजन के 2125 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़कर 2023-24 सीजन के लिए 2275 रुपए प्रति क्विंटल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।

इससे जहां एक ओर सरकारी खाद्य सब्सिडी में भारी बढ़ोत्तरी होगी वहीँ दूसरी ओर खुले बाजार में भी गेहूं एवं इसके उत्पादों का भाव ऊंचा और तेज रहेगा जिससे आम उपभोक्ताओं की कठिनाई बढ़ेगी। समझा जाता है कि चुनावी वर्ष को ध्यान में रखते हुए सरकार ने किसानों को खुश करने हेतु गेहूं के समर्थन मूल्य में भारी इजाफा किया है।

ध्यान देने की बात है कि इससे पूर्व 2006-07 एवं 2007-08 के सीजन में भी गेहूं के समर्थन मूल्य में इतनी ही बढ़ोत्तरी की गई थी। उसके बाद से कम बढ़ोत्तरी हुई। इस बार की वृद्धि राजनैतिक तथा आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

पांच राज्यों में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव से पूर्व किसानों को पता लग गया कि गेहूं का समर्थन मूल्य 150 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है और अगले साल अप्रैल-मई में जब लोकसभा का चुनाव होगा तब गेहूं उत्पादकों को इस समर्थन मूल्य का फायदा मिलना शुरू हो जाएगा। केन्द्र सरकार आमतौर पर किसानों से 1 अप्रैल से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद आरंभ कर देती है।

मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में गेहूं का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है जबकि वहां नवम्बर में विधानसभा का चुनाव होगा। पिछले 10 वर्ष के दौरान गेहूं के एमएसपी में कुल मिलाकर 875 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी हुई है जबकि उससे पिछले के 10 साल में 770 रुपए का इजाफा हुआ था।

सामान्य श्रेणी के धान में भी कमोबेश यही समीकरण बैठ रहा है। भाजपा सरकार के 10 वर्षों के कार्यकाल में इसका समर्थन मूल्य कुल मिलाकर 873 रुपए बढ़ाया गया जबकि उससे पूर्व यूपीए के शासन काल में धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 760 रुपए बढ़ाया गया था।

ऊंचे समर्थन मूल्य के सहारे सरकार को अगले साल रबी मार्केटिंग सीजन के दौरान अधिक मात्रा में गेहूं खरीदने का अवसर मिल सकता है। 1 अक्टूबर 2023 को केन्द्रीय पूल में 39.95 लाख टन गेहूं का स्टॉक उपलब्ध था जो न्यूनतम आवश्यक मात्रा 205,20 लाख टन से ज्यादा था।

गेहूं की अगली फसल के प्रति चिंता बढ़ रही है क्योंकि बांधों- जलाशयों में पानी का भंडार कम है और कई राज्यों में वर्षा की कमी से खेतों की मिटटी में नमी का अभाव रहने की आशंका है।

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2024 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित