iGrain India - नई दिल्ली । यद्यपि महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों में सूखे की गंभीर स्थिति के कारण गन्ना की फसल को नुकसान होने से चीनी का उत्पादन घटने की संभावना है लेकिन उत्तर प्रदेश में हालत बेहतर बताई जा रही है।
एक तो वहां गन्ना के बिजाई क्षेत्र में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई है और दूसरे, मौसम तथा वर्षा की हालत भी कमोबेश फसल के लिए अनुकूल बनी हुई है। केन्द्रीय खाद्य सचिव का कहना है कि इस बार अगस्त का महीना पिछले 100 से अधिक वर्षों में सर्वाधिक शुष्क एवं गर्म रहा और लगभग समूचे देश में बारिश की भारी कमी देखी गई। इससे खासकर महाराष्ट्र एवं कर्नाटक में गन्ना की फसल को क्षति हुई।
लेकिन उत्तर प्रदेश में अगस्त के दौरान की अच्छी बारिश हो गई जिससे वहां गन्ना और चीनी का उत्पादन बेहतर होने के आसार हैं। यह देखना आवश्यक होगा कि उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन कितना बढ़ता है और वह महाराष्ट्र तथा कर्नाटक के उत्पादन में आने वाली संभावित गिरावट की भरपाई किस हद तक कर पाता है। अभी यह निश्चित रूप से कहना कठिन है कि उत्तर प्रदेश उस सम्पूर्ण कमी को पूरा कर पाएगा या नहीं।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा अगले सप्ताह तक गन्ना उत्पादन का पहला अग्रिम अनुमान जारी किए जाने की संभावना है और उसके बाद खाद्य मंत्रालय चीनी के उत्पादन का अनुमान लगा सकता है।
खाद्य सचिव के अनुसार आमतौर पर त्यौहारी सीजन के दौरान चीनी की घरेलू खपत बढ़ जाती है। 1 अक्टूबर 2023 को स्वदेशी उद्योग के पास 37 लाख टन चीनी का बकाया अधिशेष स्टॉक मौजूद था जो 15 दिसम्बर तक इसकी घरेलू मांग एवं जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।
कुछ क्षेत्रों में 2023-24 के मार्केटिंग सीजन हेतु गन्ना की क्रशिंग आरंभ हो गई है और अगले महीने से बाजार में नई चीनी का आना आरंभ हो जाएगा। इसके फलस्वरूप चीनी की आपूर्ति एवं उपलब्धता नियमित रूप से बढ़ती जाएगी। उधर महाराष्ट्र में 1 नवम्बर से गन्ना की क्रशिंग शुरू करने का निर्णय लिया गया है।