iGrain India - नई दिल्ली । भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत अब तक 25.60 लाख टन गेहूं बेचा जा चुका है। सरकार ने इस योजना के अंतर्गत कुल 50 लाख टन गेहूं बेचने का निर्णय लिया है।
केन्द्रीय खाद्य सचिव का कहना है कि यदि जरूरत पड़ी तो गेहूं की मात्रा और बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा सरकार ने नैफेड, एनसीसीएफ तथा केन्द्रीय भंडार को 2.50 लाख टन गेहूं का आवंटन किया है जिससे ये एजेंसियां 27.50 रुपए प्रति किलो की दर से आटा की बिक्री करने में सक्षम हो जाएंगी क्योंकि इस गेहूं का आरक्षित मूल्य 2150 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया गया है।
गेहूं में थोक महंगाई की दर 3.83 प्रतिशत दर्ज की गई जबकि खुदरा महंगाई की दर 3.6 प्रतिशत तक ही सीमित रही। दूसरी ओर रबी 2023 के दौरान गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 5.46 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
सरकार के पास फिलहाल गेहूं का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है और मिलर्स- प्रोसेसर्स द्वारा अच्छी मात्रा में इसकी खरीद भी की जा रही है जिससे देश के विभिन्न भागों में आटा सहित अन्य गेहूं उत्पादों की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति सुगम बनी हुई है।
केन्द्र सरकार बाजार पर गहरी नजर रख रही है। 2023-24 के रबी सीजन हेतु गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2022-23 के 2125 रुपए प्रति क्विंटल से 7 प्रतिशत या 150 रुपए बढ़ाकर 2275 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया गया है
ताकि किसानों को इसका अधिक से अधिक उत्पादन करने का प्रोत्साहन मिल सके। ओएमएसएस के तहत सरकारी गेहूं की बिक्री 31 मार्च 2024 तक जारी रहेगी जबकि 1 अप्रैल 2024 से इसका नया मार्केटिंग सीजन आरंभ हो जाएगा।