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खाद्य तेलों का भारी स्टॉक होने से कीमतों पर दबाव कायम

प्रकाशित 20/10/2023, 06:12 pm
खाद्य तेलों का भारी स्टॉक होने से कीमतों पर दबाव कायम

iGrain India - नई दिल्ली । जुलाई तथा अगस्त के दौरान विदेशों से रिकॉर्ड आयात होने तथा सितम्बर में भी सामान्य आयात होने से देश में खाद्य तेलों का स्टॉक काफी बढ़ गया है।

केन्द्रीय खाद्य सचिव के अनुसार 1 अक्टूबर 2023 को देश में खाद्य तेलों का स्टॉक बढ़कर 36 लाख टन पर पहुंच गया जो पिछले साल की समान अवधि के स्टॉक 25 लाख टन से 11 लाख टन ज्यादा है।

वैश्विक बाजार में विभिन्न खाद्य तेलों का भाव घटकर काफी नीचे आने के बावजूद सरकार द्वारा इसके आयात शुल्क में बढ़ोत्तरी नहीं किए जाने से रिफाइनिंग उद्योग को भारी मात्रा में इसका आयात करने का प्रोत्साहन मिल रहा है।

आरबीडी पामोलीन के आयात में भी इजाफा हुआ है। निर्यातक देशों में पाम तेल, सोयाबीन तेल एवं सूरजमुखी तेल का दाम काफी घट गया है और सस्ते आयात के कारण भारतीय बाजार में भी इसका भाव नरम या स्थिर बना हुआ है।

खाद्य सचिव के मुताबिक अधिकांश खाद्य तेलों का घरेलू बाजार मूल्य गत वर्ष से नीचे चल रहा है जिससे आम उपभोक्ताओं को काफी राहत मिल रही है।

केवल मूंगफली तेल का भाव पिछले साल से 1.8 प्रतिशत ऊंचा है। दूसरी ओर सरसों तेल, सोयाबीन तेल,  आरबीडी पामोलीन एवं सूरजमुखी तेल का खुदरा बाजार भाव पिछले साल की तुलना में 16 से 27 प्रतिशत तक नीचे आ गया है। अब सोयाबीन एवं मूंगफली की नई फसल भी तैयार होकर प्रमुख मंडियों में आने लगी है जिससे इसकी कीमतों पर दबाव पड़ने के संकेत मिल रहे हैं।

मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र जैसे शीर्ष उत्पादक राज्यों में सोयाबीन की बढ़ती आवक के साथ इसका भाव घटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे आ गया है जिससे कीमतों को काफी नुकसान हो रहा है।

तिलहन-तेल उद्योग सरकार से खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में बढ़ोत्तरी की बार-बार मांग कर रहा है लेकिन त्यौहारी सीजन एवं पांच राज्यों में विधान सभा के चुनाव को देखते हुए सरकार फिलहाल किसी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहती है।

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