iGrain India - विनीपेग । हाल के दिनों में कनाडा की मंडियों में कैनोला के दाम को चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। एक तरफ इसकी नई फसल की जोरदार आवक हो रही है तो दूसरी ओर वैश्विक तिलहन-तेल बाजार में नरमी या स्थिरता का माहौल बना हुआ है।
वैसे पिछले सप्ताह इसके दाम में ज्यादा गिरावट नहीं आई लेकिन बाजार में नरमी की धारणा बरकरार है। चालू सप्ताह के दौरान कैनोला का भाव कुछ सुधरा था लेकिन बाद में यह गिरकर पिछले सप्ताह के स्तर पर पहुंच गया। कैनोला की निर्यात मांग कमजोर बनी हुई है।
विनीपेग स्थित आईपीई फ्यूचर्स कनाडा एक्सचेंज में नवम्बर अनुबंध के लिए कैनोला का वायदा भाव 700 डॉलर प्रति टन के फ्लोर केवल से ऊंचा बना हुआ है। पिछले दिन यह 710 डॉलर प्रति टन पर बंद हुआ था।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार कैनोला के दाम में आई भारी गिरावट का मुख्य कारण सोयाबीन की कीमतों का नरम पड़ना है। हालांकि सोया तेल एवं कैनोला तेल के वायदा मूल्य में आगे कुछ सुधार आने की उम्मीद की जा रही है मगर यह कब तक संभव हो पाएगा, यह देखना दिलचस्प होगा। कैनोला तेल का भाव नरम रहने से कनाडा में कैनोला क्रशिंग की गति भी धीमी पड़ने की संभावना है।
कनाडा से कैनोला और इसके तेल का निर्यात धीमी गति से हो रहा है इसलिए बाजार में ज्यादा उत्साह नहीं देखा जा रहा है। बाजार को कुछ नई गतिविधियों का इंतजार है।
उधर ऑस्ट्रेलिया में भी कैनोला के नए माल की आवक शुरू होने वाली है जिससे कनाडा के समक्ष चुनौती बढ़ सकती है। कनाडा की मंडियों में इसका हाजिर भाव 15.25 से 16.10 डॉलर प्रतिशत बुशेल के बीच चल रहा है।
हालांकि वहां इसका पिछला बकाया स्टॉक कम है और उत्पादन में भी थोड़ी गिरावट आने का अनुमान लगाया गया है जिससे बाजार भाव पर सकारात्मक असर पड़ना चाहिए था लेकिन वैश्विक कारणों से ऐसा नहीं हो रहा है। कनाडा दुनिया में कैनोला एवं इसके तेल का सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश है।