iGrain India - मुम्बई । सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल के मुकाबले चालू वित्त वर्ष के दौरान प्रसंस्कृत काजू कर्नेल का निर्यात प्रदर्शन कुछ बेहतर चल रहा है।
केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय की अधीनस्थ एजेंसी- कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल-अगस्त 2022 के दौरान देश से 18 हजार टन प्रसंस्कृत काजू का निर्यात हुआ था जो अप्रैल-अगस्त 2023 में 2 हजार टन बढ़कर 20 हजार टन पर पहुंच गया। इसी तरह इसकी निर्यात आय भी समीक्षाधीन अवधि में 13.40 करोड़ डॉलर से 2.20 प्रतिशत बढ़कर 13.70 करोड़ डॉलर पर पहुंच गई।
हालांकि काजू नट शेल लिक्विड का निर्यात 4 हजार टन के पिछले साल के स्तर पर ही बरकरार रहा मगर इसकी निर्यात आय 40 लाख डॉलर से 23.30 प्रतिशत घटकर 30 लाख डॉलर पर सिमट गई। इसका प्रमुख कारण औसत इकाई निर्यात ऑफर मूल्य का कमजोर रहना है।
इसके बावजूद प्रसंस्कृत काजू कर्नेल एवं काजू नट शेल लिक्विट की संयुक्त निर्यात आय अप्रैल-अगस्त 2022 के 13.80 करोड़ डॉलर से 1.45 प्रतिशत बढ़कर अप्रैल-अगस्त 2023 में 14 करोड़ डॉलर पर पहुंच गई। काजू की वैश्विक मांग सामान्य बनी हुई है।
इधर घरेलू प्रभाग में त्यौहारी सीजन चालू रहने से काजू का अच्छा कारोबार हो रहा है। भारत संसार में काजू के अग्रणी उत्पादक एवं निर्यातक देशों में शामिल है जबकि खपत के मामले में सबसे आगे है।
भारत में काजू का विशाल बाजार मौजूद है इसलिए निर्यातक निर्यात के बजाए घरेलू प्रभाग में कारोबार करने पर विशेष ध्यान देते हैं। 90 के दशक तक भारत दुनिया में काजू का सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश बना हुआ था लेकिन धीरे-धीरे वियतनाम इससे आगे निकलकर प्रथम स्थान पर पहुंच गया।