iGrain India - हल्दी में व्यापार कम : भाव नरम
नई दिल्ली । चालू सप्ताह के दौरान हल्दी के भाव नरमी के साथ बोले गए। हालांकि गिरते भावों के कारण मंडियों में हल्दी की आवक कम रही लेकिन लिवाल न होने के कारण कीमतों में नरमी रही। सूत्रों का कहना है कि वर्तमान मंडियों में जो आवक हो रही है उसमें अधिकांश माल हल्की क्वालिटी एवं डंकी आ रहा है। जबकि 10 प्रतिशत माल अच्छी क्वालिटी का है।
वर्तमान में निर्यातकों की लिवाली भी कम है। साथ ही लोकल मसाला निर्माताओं की मांग का भी अभाव बना हुआ है। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष उत्पादक केन्द्रों पर हल्दी की बिजाई कम क्षेत्रफल गत वर्ष की तुलना में कम रहा लेकिन बकाया स्टॉक पर्याप्त होने के कारण हाल-फिलहाल अधिक तेजी की संभावना नहीं है।
मगर सूत्रों का मानना है कि वर्ष 2024 में हल्दी नया रिकॉर्ड भाव बनाएगी। क्योंकि उत्पादन कम होने के साथ-साथ नई फसल की आवक के समय भी स्टॉक कम रहेगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार चालू सीजन के दौरान देश में हल्दी का उत्पादन 80/85 लाख बोरी के अलावा नई फसल के समय बकाया स्टॉक भी लगभग 30 लाख बोरी माना जा रहा था।
सूत्रों का कहना है कि वर्तमान में फसल को बारिश की जरूरत है अगर हाल ही में एक बारिश फसल को मिल जाती है तो क्वालिटी बेहतर आने के अलावा प्रति हेक्टेयर उत्पादकता में भी वृद्धि होगी।
गिरते भाव रुकने चाहिए
कारोबारियों का कहना है कि भाव काफी घट जाने के कारण अब हल्दी की गिरती कीमतें रुकनी चाहिए। क्योंकि मंडियों में आवक भी सीमित रह गई है। इसके अलावा मसाला निर्माताओं को लिवाली में भी सुधार होना चाहिए जिस कारण से आगामी दिनों में भाव सुधर सकते हैं लेकिन हाल-फिलहाल अधिक तेजी की संभावना नहीं है। क्योंकि भाव बढ़ने के पश्चात स्टॉकिस्टों की बिकवाली भी बाजार में आ जाएगी। वर्तमान में उत्पादक केन्द्रों पर स्टॉक पर्याप्त माना जा रहा है।
स्टॉक
उत्पादक केन्द्रों के व्यापारियों से हुई बातचीत के अनुसार वर्तमान में इरोड मंडी में हल्दी का स्टॉक 3/3.50 लाख बोरी, आंध्र प्रदेश 3/3.5 लाख बोरी, के अलावा तेलंगाना में 8/10 लाख बोरी का स्टॉक होने के अनुमान लगाये जा रहे हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र की मंडियों में भी स्टॉक 18/20 लाख बोरी का माना जा रहा है। जोकि नई फसल आने तक पर्याप्त है। उल्लेखनीय है कि निजामाबाद लाइन पर हल्दी की नई फसल जनवरी माह में शुरू हो जाएगी।
बिजाई
हल्दी उत्पादन में 50 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखने वाले राज्य महाराष्ट्र में इस वर्ष हल्दी की बिजाई 65/70 प्रतिशत हुई है। जबकि तमिलनाडु में बिजाई गत वर्ष के समान रही है। आंध्र प्रदेश में भी बिजाई 60/65 प्रतिशत की हो गई है। तेलंगाना राज्य में बिजाई 70/75 प्रतिशत की रही है। बिजाई घटने का प्रमुख कारण गत 2/3 वर्षो से उत्पादकों को उनकी उपज का उचित मूल्य न मिलने एवं बिजाई के समय बारिश की कमी रहना माना जा रहा है।
कीमतों में गिरावट
चालू सप्ताह के दौरान हल्दी की कीमतों में गिरावट रही। हालांकि इरोड मंडी में भाव पूर्व स्तर पर बोले गए। क्योंकि अच्छी क्वालिटी के मालों की आवक रही। लेकिन महाराष्ट्र की सांगली, नान्देड, बसमतनगर, हिंगोली मंडी में हल्की क्वालिटी का माल आने एवं हाजिर में मांग कम होने से कीमतों में 300/500 रुपए का मंदा दर्ज किया गया। दिल्ली बाजार में भी हल्दी सिंगल पालिश गट्ठा का भाव 13700 रुपए से मंदे के साथ सप्ताह के अंत में 13200 रुपए पर बोला जा रहा था।
निर्यात अधिक
चालू सीजन के प्रथम चार माह से हल्दी का निर्यात प्रदर्शन अच्छा रहा। वित्त वर्ष 2023-24 के प्रथम चार माह अप्रैल-जुलाई 2023 में हल्दी का निर्यात 71617.77 टन का हुआ है। और 65992 लाख रुपए की आय हुई। जबकि अप्रैल-जुलाई 2022 के दौरान 62245.73 टन निर्यात किया गया और निर्यात से प्राप्त आय 62327.95 लाख रुपए की रही।