iGrain India - विनीपेग । एक तरफ कनाडा में विभिन्न फसलों के उत्पादन का खर्च बढ़ गया है और प्रतिकूल मौसम के कारण उत्पादन में गिरावट आ गई है तो दूसरी ओर वहां कीमतों में भी नरमी का माहौल बना हुआ है जिससे किसानों की आमदनी में कमी आ रही है।
2023-24 का मार्केटिंग सीजन कृषि उत्पादकों के लिए ज्यादा लाभप्रद साबित नहीं होगा। इससे पूर्व 2021-22 के सीजन में भी कनाडा में भयंकर सूखा पड़ने से कृषि उत्पादन में जोरदार गिरावट आ गई थी लेकिन उस समय बाजार भाव काफी ऊंचा होने से किसानों को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ था।
ध्यान देने की बात है कि पिछले तीन वर्षों तक कनाडा में कृषि उत्पादों का दाम ऊंचा एवं तेज रहा था जिससे किसानों को आकर्षक आमदनी प्राप्त हुई थी। वह समय कोरोना महामारी का संक्रमण काल था।
कनाडा तथा वैश्विक बाजार में विभिन्न कृषि एवं खाद्य उत्पादों का भाव घटकर काफी नीचे आ गया है जिसमें गेहूं, कैनोला, जौ एवं सोयाबीन आदि शामिल है। मसूर एवं मटर के दाम में भी नरमी आई है मगर यह सीमित है।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार यद्यपि चालू मार्केटिंग सीजन के दौरान अधिकतर कॉमोडिटीज में भाव नरम रहने की संभावना है लेकिन फिर भी यह पांच वर्षीय औसत से ऊपर ही रहेगा।
जौ, ड्यूरम गेहूं एवं बसंतकालीन गेहूं का दाम गत वर्ष से ऊंचा रहने की उम्मीद है जबकि अन्य जिंसों का मूल्य पिछले साल से नीचे रह सकता है। कनाडा में कुल कृषि उत्पादन घटकर गत वर्ष से 13 प्रतिशत एवं पंचवर्षीय औसत से 8 प्रतिशत नीचे आ गया है।
उत्पादन में गिरावट आने से कीमतों में इजाफा होना चाहिए था मगर इसके विपरीत बाजार में नरमी या स्थिरता का माहौल देखा जा रहा है। मालूम हो कि कनाडा दुनिया में मसूर, मटर एवं कैनोला का सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश है। भारत में कनाडा से भारी मात्रा में मसूर का वार्षिक आयात किया जाता है।