iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) को वित्त वर्ष 2027-28 तक 50,000 करोड़ रुपए के सालाना कारोबार का लक्ष्य निर्धारित करने तथा उसकी प्राप्ति के लिए हर संभव प्रयास करने का निर्देश दिया है।
सहकारिता मंत्री का कहना था कि इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए महासंघ को अपनी कार्य प्रणाली में आवश्यक एवं व्यावहारिक बदलाव करने की जरूरत है।
महासंघ को एक आत्मनिर्भर सहकारी संस्था बनने के लिए अगले 10 वर्ष का रोडमेप तैयार करना चाहिए। इसमें उसे सहकारिता मंत्रालय की ओर से भरपूर सहयोग दिया जाएगा।
सहकारिता मंत्री के मुताबिक एनसीसीएफ को समूचे देश में प्रभारी एग्री- कल्चरल क्रेडिट सोसायटीज (पैक्स) तथा अन्य सहकारी संस्थाओं / समितियों को अपना सदस्य बनाने पर विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि एनसीसीएफ की कुल पूंजी की भागीदारी में इन सहकारी संघों का अनुपात अपेक्षाकृत ऊंचा रहे।
मंत्री महोदय ने एनसीसीएफ को गुजरात तथा बिहार सहित अन्य राज्यों में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर मक्का की खरीद आरंभ करने का सुझाव भी दिया जहां किसी अन्य एजेंसी द्वारा इसकी खरीद नहीं की जाती है।
एनसीसीएफ इस मक्का की खरीद एथनॉल निर्माण के लिए कर सकता है। इसके लिए इसे अपने सम्बद्ध साझीदारों का सहारा लेना चाहिए। यदि एनसीसीएफ और नैफेड चाहे तो सहकारिता मंत्रालय नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) से एक डिजिटल प्लेटफार्म पर उनको एक समान एपीपी दिलवाने में सहायता कर कर सकता है।
इस एपीपी का उपयोग मक्का की खरीद के दौरान आपसी समन्वय में किया जा सकता है। एनसीसीएफ को कृषि उत्पादों के लिए निर्यात अवसरों की संभावना भी तलाशनी चाहिए। उसे चावल की खरीद करके हाल ही में गठित नेशनल को ऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लि० के माध्यम से इसका निर्यात करना चाहिए।